बिहार बंद: पीएम मोदी अपशब्द मामले में चक्का जाम, पटना से मधेपुरा तक सड़कों पर सन्नाटा

Rahul Maurya

पटना, राष्ट्रबाण: बिहार में आज सुबह से सड़कों पर सन्नाटा और हलचल का माहौल है। बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी दिवंगत मां के खिलाफ कथित अपशब्दों के विरोध में पांच घंटे का बिहार बंद बुलाया है। सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक चलने वाले इस बंद का असर पटना, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, और बेगूसराय जैसे शहरों में साफ दिख रहा है। बाजार बंद हैं, सड़कों पर गाड़ियां कम हैं, और कई जगहों पर चक्का जाम किया गया है। बीजेपी और जेडीयू की महिला मोर्चा ने इस विरोध में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है। हालांकि, बीजेपी ने साफ किया कि अस्पताल, एम्बुलेंस, और अन्य आपातकालीन सेवाएं बंद से प्रभावित नहीं होंगी।

सड़कों पर उतरे कार्यकर्ता, नारों से गूंजा बिहार

पटना के आयकर गोलंबर पर बीजेपी और जेडीयू की महिला कार्यकर्ताओं ने सड़क जाम कर जोरदार नारेबाजी की। “मां का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान” जैसे नारे गूंजे। जेडीयू की महिला मोर्चा डाकबंगला चौराहे की ओर बढ़ी, जहां उन्होंने विरोध प्रदर्शन को और तेज किया। बेगूसराय में एनएच-28 और हर हर महादेव चौक पर कार्यकर्ताओं ने सड़कें रोक दीं। अरवल में एनएच-139 और एनएच-110 पर यातायात ठप रहा, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। मुजफ्फरपुर और नवादा में भी बीजेपी कार्यकर्ताओं ने दुकानें बंद कराईं और प्रजातंत्र चौक पर प्रदर्शन किया। मधेपुरा में बीजेपी जिलाध्यक्ष दीपक यादव के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने शांतिपूर्ण तरीके से बाजार बंद करवाया और लोगों से समर्थन की अपील की।

कैसे शुरू हुआ विवाद?

यह पूरा मामला 27 अगस्त को शुरू हुआ, जब दरभंगा में कांग्रेस की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के दौरान एक मंच से पीएम मोदी और उनकी मां के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की गईं। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद बीजेपी ने सिमरी थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई। पुलिस ने आरोपी मोहम्मद रिजवी उर्फ राजा (22) को गिरफ्तार किया। रिजवी के पिता अनीस रिजवी ने इसे बेटे की भूल बताते हुए माफी मांगी, लेकिन बीजेपी ने इसे सामाजिक गरिमा का सवाल बनाते हुए बंद का ऐलान किया। बीजेपी नेताओं का कहना है कि यह सिर्फ पीएम का नहीं, बल्कि हर मां-बहन का अपमान है।

पीएम मोदी का भावुक बयान

मंगलवार को एक कार्यक्रम में पीएम मोदी ने इस मुद्दे पर भावुक होकर कहा, “मेरी मां का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं था। फिर भी उनके लिए अपशब्द कहे गए। मैं कांग्रेस और राजद को माफ कर सकता हूं, लेकिन बिहार की जनता उन्हें कभी माफ नहीं करेगी।” उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि राजद और कांग्रेस ‘भारत माता’ का भी अपमान करते हैं। मोदी ने बिहार में महिलाओं की ताकत का जिक्र करते हुए ‘बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ’ की शुरुआत की, जिसके तहत 105 करोड़ रुपये ग्रामीण महिलाओं के लिए ट्रांसफर किए गए।

सियासी तपिश में बिहार

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले यह बंद सियासी माहौल को और गर्म कर रहा है। बीजेपी का कहना है कि यह बंद सिर्फ राजनीति नहीं, बल्कि सामाजिक मूल्यों की रक्षा का सवाल है। दूसरी ओर, राजद और कांग्रेस ने इसे ‘नौटंकी’ करार दिया। राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि बीजेपी इस मुद्दे को तूल देकर जनता का ध्यान असल समस्याओं से भटका रही है। पटना में बंद का असर साफ दिखा, जहां दुकानें बंद रहीं और स्कूलों में छुट्टी रही। स्थानीय लोगों ने भी इस विरोध को समर्थन दिया, लेकिन कुछ का कहना है कि चक्का जाम से रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित हुई।

एनडीए का यह बंद बिहार की सियासत में नया मोड़ ला सकता है। बीजेपी और जेडीयू इसे महिला सम्मान से जोड़कर जनता के बीच ले जा रहे हैं। वहीं, विपक्ष इसे सियासी ड्रामा बता रहा है। क्या यह मुद्दा बिहार चुनाव में बड़ा रोल अदा करेगा? यह तो आने वाला वक्त बताएगा।

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