बिहार SIR मामला: बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के तहत मतदाता सूची में संशोधन को लेकर विवाद गहरा गया है। इस मुद्दे पर आज सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाला बागची की बेंच सुनवाई करेगी। विपक्ष का आरोप है कि इस प्रक्रिया से लाखों मतदाताओं, खासकर गरीब और अल्पसंख्यक समुदायों, को वोट देने से वंचित किया जा सकता है। दूसरी ओर, चुनाव आयोग ने इसे नियमित और पारदर्शी प्रक्रिया बताया है।
65 लाख मतदाताओं के नाम हटाने पर हंगामा
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दावा किया कि बिहार की ड्राफ्ट मतदाता सूची से 65 लाख लोगों के नाम बिना कारण बताए हटा दिए गए। इस पर चुनाव आयोग ने हलफनामा दाखिल कर कहा कि ड्राफ्ट सूची से नाम हटाने की अलग सूची प्रकाशित करना जरूरी नहीं है। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि जिन मतदाताओं के नाम ड्राफ्ट में शामिल नहीं हैं, उन्हें 1 सितंबर तक दावे और आपत्तियाँ दर्ज करने का मौका है। ऐसे मतदाताओं को नोटिस, सुनवाई और दस्तावेज जमा करने का अवसर दिया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी और आयोग का जवाब
10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने SIR पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था, लेकिन आयोग से आधार, वोटर आईडी और राशन कार्ड को वैध दस्तावेजों के रूप में स्वीकार करने पर विचार करने को कहा था। कोर्ट ने चेतावनी दी थी कि अगर बड़े पैमाने पर मतदाताओं को बाहर किया गया, तो वह तुरंत हस्तक्षेप करेगा। जवाब में, आयोग ने कहा कि उसने 7.89 करोड़ मतदाताओं में से 7.24 करोड़ के प्रपत्र प्राप्त किए हैं और प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिए व्यापक जागरूकता अभियान चलाए, जिसमें 246 अखबारों में विज्ञापन और बूथ लेवल अधिकारियों की बार-बार विजिट शामिल हैं। आयोग ने याचिकाकर्ताओं पर कोर्ट को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए उन पर जुर्माना लगाने की माँग भी की।
विपक्ष का आरोप, BJP का बचाव
विपक्षी दलों, जिनमें RJD, कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस शामिल हैं, ने SIR को जल्दबाजी और भेदभावपूर्ण बताया। RJD सांसद मनोज झा और तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि यह प्रक्रिया गरीब, दलित और प्रवासी मजदूरों को निशाना बना रही है। दूसरी ओर, BJP ने इसे मतदाता सूची की शुद्धता के लिए जरूरी कदम बताया। बिहार के नेता तेजस्वी यादव ने इसे “वोट चोरी” की साजिश करार दिया, जबकि BJP ने विपक्ष पर फर्जी वोटरों पर निर्भरता का आरोप लगाया। सुप्रीम कोर्ट की आज की सुनवाई इस विवाद पर अहम फैसला सुना सकती है।
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