बिहार, राष्ट्रबाण: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के बीच सियासी शह-मात का खेल चरम पर है। तेजस्वी की ‘माई-बहिन मान योजना’ और ‘बेटी योजना’ जैसे वादों ने जनता का ध्यान खींचा है, जबकि नीतीश ने इन योजनाओं को लागू या काउंटर कर तेजस्वी को चुनौती दी है। दोनों की रणनीति महिलाओं और युवाओं को लुभाने पर केंद्रित है, लेकिन नीतीश का अनुभव और तेजस्वी की नई सोच के बीच टक्कर रोमांचक हो गई है।
तेजस्वी की योजनाएँ और नीतीश की काट
तेजस्वी यादव ने ‘माई-बहिन मान योजना’ के तहत हर आय-वर्ग की महिलाओं को 2,500 रुपये मासिक देने और ‘बेटी योजना’ से बेटियों को जन्म से रोजगार तक समर्थन देने का वादा किया। उन्होंने 200 यूनिट मुफ्त बिजली, सामाजिक सुरक्षा पेंशन को 400 से 1,500 रुपये करने, और सस्ते LPG सिलेंडर (500 रुपये) का ऐलान किया। हालांकि, नीतीश ने तेजस्वी के कई वादों को पहले ही लागू कर दिया, जैसे 125 यूनिट मुफ्त बिजली, पेंशन वृद्धि (400 से 1,100 रुपये), और डोमिसाइल नीति। तेजस्वी ने नीतीश पर उनकी योजनाएँ चुराने का आरोप लगाया, लेकिन कहा, “जनता को फायदा हो रहा है।” सोशल मीडिया पर तेजस्वी नीतीश को “नकलची सरकार” बता रहे हैं।
नीतीश की रणनीति और अनुभव
नीतीश कुमार, जो 2005 से बिहार की सत्ता में हैं, ने तेजस्वी के वादों को कमजोर करने के लिए ताबड़तोड़ कदम उठाए। उन्होंने जीविका योजना के तहत महिलाओं को 50,000 से 2 लाख रुपये का लोन, मिथिलांचल विकास प्राधिकरण का गठन, और सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर-नर्स नियुक्तियाँ शुरू कीं। उनकी ‘महिला संवाद यात्रा’ और ‘करपूरी रथ यात्रा’ ने महिला और EBC वोटरों को साधा। नीतीश ने 2025-30 तक 1 करोड़ नौकरियाँ देने का भी ऐलान किया। विशेषज्ञों का मानना है कि नीतीश की त्वरित कार्रवाई और 2024 लोकसभा में JD(U) की 12 सीटों की जीत उनकी साख को मजबूत करती है।
महिला और युवा वोटरों पर फोकस
महिला वोटर बिहार चुनाव में निर्णायक हैं, जैसा कि 2024 लोकसभा में 59.45% महिला मतदान से साबित हुआ। तेजस्वी की ‘माई-बहिन’ और ‘बेटी योजना’ महिलाओं को आकर्षित करने की कोशिश है, जबकि नीतीश की शराबबंदी और मुफ्त साइकिल योजनाएँ पहले से उनकी पकड़ दिखाती हैं। युवाओं के लिए तेजस्वी ने 1 करोड़ नौकरियाँ और युवा आयोग का वादा किया, लेकिन नीतीश ने डोमिसाइल नीति और इंटर्नशिप स्टाइपेंड (4,000-6,000 रुपये) से जवाब दिया। InkInsight सर्वे के मुताबिक, युवा (18-29) तेजस्वी को, जबकि महिलाएँ और 40+ आयु वर्ग नीतीश को CM के रूप में पसंद करते हैं।
तेजस्वी की डिजिटल-केंद्रित रणनीति और नीतीश की अनुभव-आधारित शासन शैली में टक्कर कांटे की है। तेजस्वी NDA पर भ्रष्टाचार और कानून-व्यवस्था में नाकामी का आरोप लगाते हैं, जबकि नीतीश RJD के “जंगल राज” को याद दिलाते हैं। सोशल मीडिया पर लोग नीतीश की त्वरित कार्रवाई की तारीफ और तेजस्वी की नई सोच की चर्चा कर रहे हैं। बाजी कौन मारेगा, यह योजनाओं के अमल और जनता के मूड पर निर्भर करेगा।
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