बीजेपी ने सोनिया गांधी की नागरिकता पर उठाए सवाल, राहुल पर साधा निशाना

Rahul Maurya
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नई दिल्ली, राष्ट्रबाण : बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन संशोधन (SIR) और वोट चोरी के आरोपों को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के बीच सियासी जंग तेज हो गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में निर्वाचन आयोग (EC) पर वोट चोरी के आरोपों का बीजेपी ने करारा जवाब दिया। बीजेपी ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की 1980 की वोटर ID पर सवाल उठाते हुए दावा किया कि उनका नाम मतदाता सूची में तब जोड़ा गया, जब वह भारतीय नागरिक भी नहीं थीं। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और बीजेपी IT सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कांग्रेस पर “घुसपैठियों” को संरक्षण देने और मतदाता सूची में गड़बड़ी का आरोप लगाया।

सोनिया गांधी की वोटर ID पर विवाद

बीजेपी के अमित मालवीय ने X पर दावा किया कि सोनिया गांधी का नाम 1980 में नई दिल्ली के मतदाता सूची में जोड़ा गया, जबकि वह 1983 में भारतीय नागरिक बनी थीं। उस समय गांधी परिवार 1, सफदरजंग रोड पर रहता था, जो तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का आधिकारिक आवास था। मालवीय ने कहा कि सोनिया का नाम 1980 में पोलिंग स्टेशन 145 में सीरियल नंबर 388 पर दर्ज हुआ, जो गैर-नागरिक के लिए अवैध था। 1982 में जनता के विरोध के बाद उनका नाम हटाया गया, लेकिन 1983 में फिर से शामिल कर लिया गया। मालवीय ने इसे “चुनावी कदाचार” करार दिया। अनुराग ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कांग्रेस हमेशा से “आरोप लगाओ और भाग जाओ” की नीति अपनाती रही है।

राहुल गांधी के आरोप और बीजेपी का पलटवार

राहुल गांधी ने 7 अगस्त को प्रेस कॉन्फ्रेंस में EC पर “वोट चोरी” का आरोप लगाते हुए महाराष्ट्र, कर्नाटक और बिहार में मतदाता सूची में गड़बड़ी के सबूत पेश किए। उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र में 2024 की विधानसभा चुनावों में 41 लाख मतदाता अचानक बढ़ गए और बेंगलुरु के महादेवपुरा में 1 लाख डुप्लिकेट मतदाता थे। बीजेपी ने इसे “निराधार” बताया और ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस हार का ठीकरा EC और EVM पर फोड़ती है। उन्होंने रायबरेली, डायमंड हार्बर और कन्नौज जैसे विपक्षी गढ़ों में डुप्लिकेट मतदाताओं और फर्जी पतों का आरोप लगाया। ठाकुर ने कहा, “कांग्रेस मतदाताओं का अपमान कर रही है।”

सियासी तनाव और जनता की प्रतिक्रिया

सुप्रीम कोर्ट ने 13 अगस्त को बिहार SIR को मतदाता-अनुकूल माना और EC को जवाब देने के लिए चार हफ्ते दिए। कोर्ट ने कहा कि 11 दस्तावेजों की सूची समावेशी है, न कि बहिष्करणकारी। इस बीच, बीजेपी ने कांग्रेस पर “वोट बैंक” और “तुष्टिकरण” की राजनीति का आरोप लगाया। X पर कई यूज़र्स ने बीजेपी के सोनिया गांधी पर हमले को सियासी स्टंट बताया, जबकि कुछ ने राहुल के आरोपों को अतिशयोक्तिपूर्ण माना। विशेषज्ञों का कहना है कि यह विवाद बिहार के आगामी विधानसभा चुनावों से पहले सियासी माहौल को और गर्म कर सकता है।

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