नई दिल्ली, राष्ट्रबाण: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में कथित वोट चोरी के मुद्दे पर कांग्रेस ने अब भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पार्टी का दावा है कि TRAI ने उनके कार्यकर्ताओं को एक यूट्यूब वृत्तचित्र का लिंक भेजने की अनुमति यह कहकर रद्द कर दी कि यह ‘विरोध प्रदर्शन से संबंधित सामग्री’ है।
कांग्रेस ने इसे सूचना दबाने की साजिश बताते हुए गृह मंत्रालय, निर्वाचन आयोग (EC), और रेलवे/दूरसंचार मंत्रालय के बीच सांठगांठ का आरोप लगाया है। यह विवाद देश में चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठा रहा है।
TRAI का फैसला और कांग्रेस का गुस्सा
कांग्रेस के डेटा एनालिटिक्स विभाग के प्रमुख प्रवीण चक्रवर्ती ने बताया कि पार्टी महाराष्ट्र में अपने कार्यकर्ताओं को एक वृत्तचित्र, ‘महाराष्ट्र 2024 चुनाव कैसे चुराया गया’, का यूट्यूब लिंक एसएमएस के जरिए भेजना चाहती थी। इसके लिए TRAI से अनुमति मांगी गई थी, जैसा कि नियमों के तहत जरूरी है। लेकिन TRAI ने इस अनुरोध को खारिज कर दिया, यह कहते हुए कि यह सामग्री ‘प्रोटेस्ट कंटेंट’ है।
चक्रवर्ती ने सोशल मीडिया पर सवाल उठाया, “गृह मंत्रालय, EC, और TRAI के बीच इतना सटीक तालमेल कैसे हो सकता है? क्या यह महाराष्ट्र चुनाव में धोखाधड़ी का सबूत नहीं है?” उन्होंने TRAI के अस्वीकृति संदेश का स्क्रीनशॉट भी साझा किया।
मणिकम टैगोर का हमला
लोकसभा में कांग्रेस के सचेतक मणिकम टैगोर ने इस मुद्दे पर तीखा हमला बोला। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “TRAI अब बीजेपी का आईटी सेल बन गया है। गृह मंत्रालय निगरानी कर रहा है, रेलवे/दूरसंचार मंत्रालय संचार रोक रहा है, और निर्वाचन आयोग चुप है।
यह सब महाराष्ट्र 2024 के घोटाले को छिपाने की साजिश है।” टैगोर ने गृह मंत्री अमित शाह और दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव से सवाल किया कि अगर कोई गलत नहीं हुआ, तो एक यूट्यूब लिंक से इतना डर क्यों?
वोट चोरी का मामला क्या है?
कांग्रेस ने दावा किया है कि 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में बड़े पैमाने पर मतदाता सूची में हेरफेर हुआ। पार्टी का कहना है कि उनके छह महीने के शोध में कई अनियमितताएं सामने आईं, जैसे डुप्लिकेट वोटर, फर्जी पते, और गलत फोटो। राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे पर EC पर बीजेपी के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया था। हालांकि, EC ने इन दावों को ‘बेबुनियाद’ बताया और सबूत मांगे।
कांग्रेस का यह हमला न केवल TRAI, बल्कि सरकार और EC की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है। अगर ये आरोप सही हैं, तो यह लोकतंत्र की पारदर्शिता के लिए गंभीर चिंता का विषय है। हालांकि, TRAI ने अभी तक कोई आधिकारिक जवाब नहीं दिया है। इस विवाद ने एक बार फिर चुनावी प्रक्रिया और सरकारी संस्थानों की निष्पक्षता पर बहस छेड़ दी है।
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