इजरायल में गाजा युद्ध खत्म करने की मांग बंधकों की रिहाई के लिए सड़कों पर उतरे लोग, नेतन्याहू पर बढ़ा दबाव

Rahul Maurya
फोटो: रॉयटर्स

येरूशलम, राष्ट्रबाण: इजरायल में रविवार को हजारों लोग सड़कों पर उतर आए और गाजा में चल रहे युद्ध को तुरंत खत्म करने की मांग की। प्रदर्शनकारी हमास के कब्जे में बंधकों की रिहाई के लिए तत्काल समझौते की अपील कर रहे थे। इस दौरान सड़कें जाम हुईं, कारोबार ठप रहे, और कई जगह पुलिस के साथ झड़पें हुईं। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया और करीब 38 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। यह आंदोलन बंधकों के परिवारों और उनके समर्थकों द्वारा आयोजित किया गया था, जो सरकार की गाजा नीति से नाराज हैं।

बंधकों की रिहाई का सवाल

प्रदर्शनकारी गाजा में हमास के कब्जे में बचे 50 बंधकों की रिहाई को लेकर चिंतित हैं, जिनमें से केवल 20 के जीवित होने की उम्मीद है। प्रदर्शनकारियों का मानना है कि इजरायल की प्रस्तावित सैन्य कार्रवाई, खासकर गाजा सिटी पर कब्जे की योजना, बंधकों की जान को और खतरे में डाल सकती है। तेल अवीव के ‘हॉस्टेज स्क्वायर’ में एक विशाल इजरायली झंडा लहराया गया, जिस पर बंधकों की तस्वीरें थीं। प्रदर्शनकारी बेंजामिन नेतन्याहू सरकार पर दबाव बना रहे हैं कि वह हमास के साथ तुरंत समझौता करे। एक पूर्व बंधक, अरबेल येहुद, जिनके प्रेमी अभी भी हमास की कैद में हैं, ने कहा कि सैन्य दबाव से बंधक वापस नहीं आएँगे, बल्कि केवल एक समझौता ही समाधान है।

नेतन्याहू का रुख और आलोचना

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने प्रदर्शनों पर कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि हमास को पूरी तरह खत्म किए बिना युद्ध रोकना न केवल हमास को मजबूत करेगा, बल्कि बंधकों की रिहाई को और मुश्किल बना देगा। नेतन्याहू ने 7 अक्टूबर 2023 के हमले का हवाला दिया, जिसमें हमास ने 1,200 लोगों को मारा और 251 को बंधक बनाया था। उनके मुताबिक, युद्ध रोकने से उस हमले की पुनरावृत्ति हो सकती है। हालांकि, उनकी सरकार के इस रुख की देश-विदेश में आलोचना हो रही है। वित्त मंत्री बेजालेल स्मोटरिच ने प्रदर्शनों को ‘हमास के लिए फायदेमंद’ करार दिया, जबकि राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतमार बेन-गवीर ने इसे देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताया।

गाजा में मानवीय संकट

गाजा में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। रविवार को इजरायली हमलों में 17 फलस्तीनी मारे गए, जो मानवीय सहायता के लिए मोराग कॉरिडोर के पास जमा थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, इजरायली टैंकों ने 100 मीटर की दूरी से गोलीबारी की। एक स्थानीय, हमजा असफौर, ने कहा कि उनके पास भूख से मरने या गोलियों का जोखिम उठाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 24 घंटों में कुपोषण से सात लोगों की मौत हुई, जिसमें दो बच्चे शामिल हैं। अब तक युद्ध में 61,897 फलस्तीनी मारे जा चुके हैं, जिनमें ज्यादातर महिलाएँ और बच्चे हैं। संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि गाजा में भुखमरी और कुपोषण अपने चरम पर है, क्योंकि इजरायल ने मार्च 2025 में पूर्ण नाकाबंदी लागू करने के बाद सहायता की आपूर्ति को काफी हद तक रोक दिया है।

गाजा सिटी पर कब्जे की योजना

इजरायल की सुरक्षा कैबिनेट ने हाल ही में गाजा सिटी पर कब्जे की योजना को मंजूरी दी है, जिसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने ‘नरसंहार का अगला चरण’ करार दिया है। संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठनों ने चेतावनी दी है कि इससे गाजा में मानवीय संकट और गहरा होगा। इजरायल का कहना है कि वह लोगों की सुरक्षा के लिए दक्षिणी गाजा में ‘सुरक्षित क्षेत्र’ बनाएगा, लेकिन गाजा के निवासियों का कहना है कि कोई भी क्षेत्र सुरक्षित नहीं है।

राघदा अबू दाहर, जो दस बार विस्थापित हो चुकी हैं, ने कहा कि गाजा में कोई सुरक्षित जगह नहीं बची। इजरायल ने दक्षिणी गाजा में टेंट की आपूर्ति शुरू करने की बात कही है, लेकिन सहायता संगठनों का कहना है कि यह जरूरतों के मुकाबले नाकाफी है।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

इजरायल की गाजा सिटी योजना की विश्व भर में निंदा हो रही है। मिस्र ने इस योजना को ‘फलस्तीनियों का विस्थापन’ बताते हुए इसे खारिज कर दिया। संयुक्त राष्ट्र समर्थित विशेषज्ञों ने गाजा में भुखमरी की स्थिति को ‘युद्ध अपराध’ करार दिया है। इस बीच, मिस्र और कतर के नेतृत्व में 60 दिन की युद्धविराम और बंधक रिहाई के लिए बातचीत चल रही है, लेकिन जुलाई में पिछली वार्ता बेनतीजा रही थी। इजरायल पर अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय ने युद्ध अपराधों के लिए नेतन्याहू और पूर्व रक्षा मंत्री योआव गैलेंट के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।

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