बाराबंकी, राष्ट्रबाण: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में श्री रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी (SRMU) में छात्रों के प्रदर्शन और पुलिस लाठीचार्ज का मामला तूल पकड़ रहा है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शन के बाद यूनिवर्सिटी प्रबंधन के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। साथ ही, यूनिवर्सिटी की अवैध जमीन पर बुलडोजर चलाने की तैयारी की जा रही है। यह घटना छात्रों के भविष्य और यूनिवर्सिटी की मान्यता से जुड़े सवालों को लेकर शुरू हुई थी।
क्या है पूरा मामला?
पुलिस और ABVP के अनुसार, SRMU में LLB डिग्री की मान्यता और मनमानी फीस वृद्धि को लेकर छात्रों में लंबे समय से नाराजगी थी। छात्रों का आरोप है कि यूनिवर्सिटी ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) से मान्यता के बिना LLB कोर्स में दाखिला लिया और बिना बताए अतिरिक्त शुल्क वसूला। सोमवार को ABVP के कार्यकर्ताओं और छात्रों ने यूनिवर्सिटी परिसर में प्रदर्शन किया, जिसमें वे कुलपति से जवाब मांग रहे थे। इस दौरान स्थिति बिगड़ गई, और पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर दिया। कई छात्र घायल हुए, जिनमें से कुछ को मेयो और जिला अस्पताल में भर्ती करना पड़ा।
लाठीचार्ज की घटना ने पूरे राज्य में हंगामा मचा दिया। ABVP ने इसे ‘लोकतंत्र का गला घोंटने’ की संज्ञा दी और यूनिवर्सिटी प्रशासन पर ‘शिक्षा माफिया’ होने का आरोप लगाया। इसके बाद, बुधवार देर रात नगर कोतवाली में यूनिवर्सिटी प्रबंधन के खिलाफ FIR दर्ज की गई।
बुलडोजर की कार्रवाई क्यों?
जांच में सामने आया कि SRMU ने सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा किया था। तहसीलदार कोर्ट ने यूनिवर्सिटी पर 27.96 लाख रुपये का जुर्माना लगाया और 30 दिनों में कब्जा हटाने का आदेश दिया। आदेश का पालन न होने पर प्रशासन अब बुलडोजर चलाने की तैयारी कर रहा है। यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश सरकार की अवैध निर्माण के खिलाफ सख्त नीति का हिस्सा है, जिसके तहत पहले भी कई जगहों पर बुलडोजर चलाए गए हैं।
सरकार और पुलिस का एक्शन
लाठीचार्ज की घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तुरंत कार्रवाई के आदेश दिए। सिटी सर्कल ऑफिसर (CO) हर्षित चौहान को निलंबित कर दिया गया, और नगर कोतवाली प्रभारी आरके राणा सहित गदिया चौकी के सभी पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया गया। अयोध्या रेंज के IG प्रवीण कुमार को लाठीचार्ज की जांच सौंपी गई है, जबकि अयोध्या के कमिश्नर गौरव दयाल यूनिवर्सिटी की डिग्री की वैधता की जांच करेंगे।
इस घटना ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया है। समाजवादी पार्टी (SP) और कांग्रेस ने लाठीचार्ज की निंदा की। SP अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे ‘सरकार की नाकामी’ बताया, जबकि कांग्रेस ने इसे ‘छात्रों के अधिकारों पर हमला’ करार दिया। SP की छात्र सभा ने लखनऊ में राजभवन के पास प्रदर्शन किया, जिसके दौरान पुलिस से उनकी झड़प भी हुई। ABVP ने चेतावनी दी कि जब तक कुलपति छात्रों से बात नहीं करते और निष्कासित छात्रों को बहाल नहीं किया जाता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
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