त प्रेमानंद महाराज
मथुरा-वृंदावन में भागवताचार्य अनिरुद्धाचार्य और संत प्रेमानंद महाराज के महिलाओं के खिलाफ विवादित बयानों ने ब्रजवासियों में आक्रोश पैदा कर दिया है। अनिरुद्धाचार्य के अविवाहित युवतियों पर आपत्तिजनक टिप्पणी और प्रेमानंद महाराज द्वारा उसका समर्थन करने वाले बयान ने स्थानीय लोगों, खासकर महिलाओं और सामाजिक संगठनों, में भारी नाराजगी फैलाई है।
मंगलवार को मथुरा और वृंदावन में विरोध प्रदर्शन हुए, और बुधवार को अखिल भारतीय श्री रामकृष्ण सेना ने अपने प्रधान कार्यालय में बैठक कर दोनों संतों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की रणनीति बनाई। यह विवाद अब कानूनी कार्रवाई की ओर बढ़ रहा है, जिससे मथुरा-वृंदावन में तनाव बढ़ गया है।
अनिरुद्धाचार्य के बयान से शुरू हुआ विवाद
वृंदावन के गौरी गोपाल आश्रम के पीठाधीश्वर अनिरुद्धाचार्य ने एक कथावाचन के दौरान अविवाहित युवतियों की शादी की उम्र को लेकर विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि 25-26 साल की उम्र तक लड़कियाँ “चार जगह मुंह मार चुकी होती हैं” और 14 साल की उम्र में शादी कर देने से वे परिवार में बेहतर ढंग से घुल-मिल जाती हैं।
इस बयान को महिलाओं के प्रति अपमानजनक और रूढ़िगत मानते हुए मथुरा बार एसोसिएशन की महिला वकीलों ने शुक्रवार को कचहरी परिसर में पुतला दहन किया और मथुरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) श्लोक कुमार को शिकायत सौंपकर एफआईआर की मांग की। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप शर्मा ने कहा कि धार्मिक मंच से ऐसी टिप्पणियाँ सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुँचाती हैं।
प्रेमानंद महाराज ने बढ़ाया विवाद
विवाद तब और गहरा गया जब वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज ने अनिरुद्धाचार्य के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि आजकल की सौ लड़कियों में से केवल “दो-चार ही चरित्र से पवित्र होती हैं।” इस बयान ने सामाजिक संगठनों और महिला कार्यकर्ताओं में नाराजगी बढ़ा दी। मथुरा की एक स्थानीय महिला संगठन की प्रमुख ने इसे “महिलाओं को उनकी अतीत से जज करने वाली संकीर्ण सोच” करार दिया।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास की प्रदेश अध्यक्ष गुंजन शर्मा ने कहा कि आध्यात्मिक व्यक्तियों को ऐसी टिप्पणियाँ शोभा नहीं देतीं। प्रेमानंद महाराज ने पहले अपनी रात्रि पदयात्रा को स्थानीय निवासियों के विरोध के कारण बंद किया था, और अब उनके इस बयान ने नया विवाद खड़ा कर दिया है।
अखिल भारतीय श्री रामकृष्ण सेना का आंदोलन
बुधवार को अखिल भारतीय श्री रामकृष्ण सेना ने मथुरा में अपने प्रधान कार्यालय पर एक बैठक आयोजित की, जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष मदन मोहन अग्रवाल एडवोकेट ने अनिरुद्धाचार्य और प्रेमानंद महाराज की महिला विरोधी मानसिकता की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज की बहू-बेटियों के खिलाफ ऐसी अशोभनीय टिप्पणियाँ बर्दाश्त नहीं की जाएँगी।
सेना ने दोनों संतों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की रणनीति बनाई और चेतावनी दी कि यदि पुलिस ने शिकायत दर्ज नहीं की, तो वे कोर्ट का रुख करेंगे। बैठक में राष्ट्रीय महामंत्री प्रमोद पचौरी, भगवती प्रसाद उपाध्याय, युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रोहित वर्मा, जिला अध्यक्ष चिंटू सिंह बघेल, लोकेश अग्रवाल, निखिल कुलश्रेष्ठ, और यश शर्मा जैसे प्रमुख नेता शामिल थे।
मथुरा-वृंदावन में बढ़ता आक्रोश
मथुरा और वृंदावन में विरोध प्रदर्शन का सिलसिला जारी है। मंगलवार को अखिल भारत हिंदू महासभा की आगरा जिला अध्यक्ष मीरा राठौर ने अपनी टीम के साथ गौरी गोपाल आश्रम के पास प्रदर्शन की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें कोतवाली ले जाकर रोक दिया। नाराज कार्यकर्ताओं ने अनिरुद्धाचार्य के पोस्टरों पर कालिख पोतकर और नारेबाजी कर अपना गुस्सा जाहिर किया।
मीरा राठौर ने कहा कि वे तब तक अपनी चोटी नहीं बाँधेंगी, जब तक अनिरुद्धाचार्य के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती। अनिरुद्धाचार्य ने बाद में माफी माँगते हुए दावा किया कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया और यह AI-जनरेटेड हो सकता है, लेकिन इससे आक्रोश कम नहीं हुआ। श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर केस के याचिकाकर्ता पंडित दिनेश फलाहारी ने भी सार्वजनिक माफी की मांग की।
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