लालबर्रा, राष्ट्रबाण। मुख्यालय से लगे हुए ग्राम पांढ़रवानी में प्रतिदिन बड़े पैमाने पर जुआ खिलाया जाता है। सूत्र बताते हैं कि जुआ फड़ का संचालक अमोली से आता है जो पांढ़रवानी के जोड़ तालाब के नीचे सुनसान एरिया में बिंदास होकर जुआ खिला रहा है। जहां पर प्रतिदिन 50,000 रुपये से 100,000 तक का जुआ खिलाया जाता है। लोग समूह में दांव लगाते हैं और जीत हार का खेल खेलते हैं। राउंड चलने पर फड़ का संचालक नाल के रूप में मोटी रकम वसूलता है। इस तरह युवा वर्ग जुआ की लत जोर पकड़ रही हैं। धनवान बनने के इस शॉर्टकट तरीके मे युवा कर्ज के जाल मे फस कर अपने भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा हैं। हजारों लाखो का यह खेल देखते ही देखते बड़ा रूप ले लेता हैं, लालच मे आकर युवा अपने भविष्य को दांव लगाकर बर्बाद हो रहा है, मजे की बात यह हैं की पुलिस इस मामले में अब तक अनजान है। शयद पुलिस को जानकारी होती तो अब तक कार्रवाई हो चुकी होती! और कई दिनों से चला आ रहा जुआ का यह खेल बंद हो गया होता। लेकिन यह बात समझ के परे हैं की जब लोग सरेआम जुआ की चर्चा करने से पीछे नहीं हट रहे हैं तो फिर पुलिस कैसे अनजान है? क्या पुलिस का सुचना तंत्र इतना कमजोर हो गया हैं की महज कुछ दूरी मे चल रही जुआ फड की जानकारी पुलिस को नहीं लग रही। पुलिस की उदासीनता के कारण नालकट निहाल हो रहे हैं तो वही युवा जुआ की लत में फंस कर बर्बाद हो रहे हैं। एक युवा के पीड़ित पिता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यदि वह पुलिस से मदद मांगते हैं तो उल्टा उन्हीं से सवाल पूछेंगे कि कब और कहां जुआ चल रहा है। इसीलिए वह भी थाना जाने से कतरा रहे हैं। शायद खबर प्रकाशन के बाद जुआ फड़ संचालक पर कार्रवाई होगी ऐसी उम्मीद पीड़ित परिजन द्वारा लगाई गई है।