इंदौर, राष्ट्रबाण। इंदौर जिले में संघ के सपंर्क विभाग की बैठक चल रही है। आज शनिवार को तीसरा दिन है। रविवार को अंतिम दिन रहेगा। संघ के दूसरे दिन की बैठख में सर कार्यवाह दतात्रय होसबोले ने भी भाग लिया हैं। संघ से जुड़े सूत्रों माने तो दो दिन से चल रही बैठक में यह तय किया गया है कि संघ देश भर में ज्यादा से ज्यादा सामाजिक, धार्मिक आयोजनों में सहभागिता बढ़ाएगा और समाज में जागरुकता का काम करेगा।
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यह कार्यक्रम सौ साल पूरे होने के अवसर पर
वहीं अगले साल यानि 2025 को संघ स्थापना के 100 वर्ष पूरे करने जा रहा है, इस अवसर पर जनवरी 2025 में आरएसएस का घोष वादन कार्यक्रम भी इंदौर में होगा। इसमें संघ प्रमुख मोहन भागवत भी शामिल होंगे। आयोजन राऊ स्थित एक स्कूल परिसर में किया जाएगा, इस आयोजन में 15 हजार से ज्यादा स्वयं सेवक शामिल होंगे।
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संदेश देने संघ प्रमुख
मोहन भागवत इस दौरान संघ के 100 वर्ष पूरे होने पर सेवा और समाज से जुड़ने सहित कई मुद्दों पर स्वयं सेवकों को संदेश देंगे। इंदौर में इस तरह का यह पहला आयोजन होगा। विशेष बात यह है कि मालवा प्रांत देशभर में सबसे प्रमुख क्षेत्रों में से एक बन रहा है, जहां संघ लगातार खुद को मजबूती से खड़ा कर रहा है। संघ के इस घोष वादन कार्यक्रम में शामिल होने वाले स्वयं सेवकों का अभ्यास शुरू हो गया है। यही नहीं, हर रविवार से महानगर के 28 नगरों में वर्ग भी लगेंगे। संघ इस आयोजन को न केवल संख्या और व्यवस्था संचालन ही नहीं, बल्कि अनुशासन के लिहाज से भी आदर्श बनाने की तैयारी में जुटा हुआ है।
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घर-घर आमंत्रण देगा संघ
इस आयोजनों को देखने के लिए आम लोग भी जा सकेंगे। इसके लिए संघ घर-घर जा कर आमंत्रण देगा। इसी माह से बैठकों का दौर शुरू हो जाएगा। जानकारी के अनुसार कार्यक्रम परिसर आनक, पणव, वंशी, शंख आदि विभिन्न वाद्यों की सुमधुर ध्वनि से गूंजेगा। गणवेश पहने स्वयंसेवकों की वाद्ययंत्र पर तारतम्यता देखने को मिलेगी।
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सीधे बैठक में पहुंचे होसबोले
इंदौर में आयोजित संपर्क बैठक में सरकार्यवाहक तीन दिन पूरे समय मौजूद रहेंगे। सर संघचालक के बाद सबसे महत्वपूर्ण पद सरकार्यवाह का माना जाता है। दत्तात्रेय होसबोले शुक्रवार सुबह ही इंदौर पहुंच गए थे। बताया जा रहा है कि वह सीधे बैठक स्थल पर पहुंचे। वह तीन दिन बैठक में भी मौजूद रहेंगे। सरकार्यवाह सहित तमाम राष्ट्रीय पदाधिकारियों के किसी भी प्रकार के अन्य बैठक या प्रवास की कोई सूचना नहीं है। यानी यह स्पष्ट है कि शुद्ध चिंतन मनन इस बैठक में होना है। वहीं सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में प्रांत स्तर और उससे ऊपर के पदाधिाकारियों को बुलाया गया है। यानी यह साफ है कि बैठक में प्रदेश स्तर और उससे ऊपर के पदाधिकारी ही शामिल होंगे।