GST दरों में कटौती के बाद सरकार का नया प्लान, आम जनता को ऐसे मिलेगा सीधा फायदा

Rahul Maurya

नई दिल्ली, राष्ट्रबाण: केंद्र सरकार ने GST दरों में बड़ी कटौती का ऐलान कर उपभोक्ताओं को त्योहारी सीजन से पहले राहत दी है। लगभग 400 वस्तुओं और सेवाओं पर टैक्स कम किया गया है, जिसमें जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर 18% जीएसटी पूरी तरह माफ कर दिया गया है। साथ ही, सीमेंट, छोटी कारें, और दैनिक जरूरत के सामान जैसे साबुन, दूध, और बिस्किट सस्ते होंगे। यह नई दरें 22 सितंबर से लागू होंगी, जो नवरात्रि और दिवाली की खरीदारी को और आकर्षक बना सकती हैं। सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए सख्त निगरानी तंत्र तैयार किया है कि कंपनियाँ इस राहत को ग्राहकों तक पहुँचाएँ।

क्या बदला है?

GST परिषद ने टैक्स स्लैब को सरल करते हुए 12% और 28% की दरें खत्म कर दी हैं। अब ज्यादातर सामान और सेवाएँ 5% या 18% स्लैब में आएँगी। जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी माफी से पॉलिसीधारकों की जेब पर बोझ कम होगा। उदाहरण के लिए, एक मध्यमवर्गीय परिवार की सालाना बीमा प्रीमियम पर 3,000-5,000 रुपये की बचत हो सकती है। सीमेंट पर टैक्स 28% से घटकर 18% होने से प्रत्येक बैग की कीमत 25-30 रुपये कम होगी, जिससे निर्माण लागत घटेगी। दैनिक जरूरत के सामान जैसे साबुन, टूथपेस्ट, और बिस्किट पर भी 5% टैक्स से कीमतें 6-8% तक कम होने की उम्मीद है।

सरकार की सख्त नजर

केंद्र सरकार ने कंपनियों पर नकेल कसने के लिए विस्तृत निगरानी तंत्र बनाया है। अप्रत्यक्ष कर विभाग मौजूदा कीमतों का डेटा जुटा रहा है और 22 सितंबर के बाद नई कीमतों की तुलना करेगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कंपनियाँ टैक्स कटौती का लाभ ग्राहकों तक पहुँचाएँ। अगर कोई कंपनी लाभ को रोकती है, तो कार्रवाई होगी।” सरकार ने एनडीए सांसदों को भी जिम्मेदारी दी है कि वे अपने क्षेत्रों में कीमतों की निगरानी करें और यह सुनिश्चित करें कि उपभोक्ताओं को सस्ते सामान का फायदा मिले।

उद्योगों का वादा

उद्योग जगत ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, “कंपनियाँ समझ रही हैं कि सस्ते सामान से माँग बढ़ेगी, जिससे उनका कारोबार भी चमकेगा।” अमूल, गॉदरेज, कोलगेट, और मोंडेलेज जैसी कंपनियों ने कीमतें घटाने का वादा किया है। दिल्ली के एक रिटेलर, संजय गुप्ता ने कहा, “साबुन और बिस्किट जैसी चीजें सस्ती होने से त्योहारी बिक्री में 20-25% उछाल की उम्मीद है।” फिक्की, सीआईआई, और एसोचैम जैसे उद्योग मंडलों ने भी भरोसा दिलाया कि वे अपने सदस्यों को ग्राहकों तक लाभ पहुँचाने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।

त्योहारी सीजन में राहत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संकेत दिया है कि नवरात्रि तक उपभोक्ताओं को राहत दिखनी शुरू हो जाएगी और दिवाली तक इसका बड़ा असर दिखेगा। दिल्ली, मुंबई, और लखनऊ जैसे शहरों में व्यापारियों का कहना है कि सस्ते सामान से बाजारों में रौनक बढ़ेगी। एक उपभोक्ता, रीता शर्मा ने कहा, “बीमा और घरेलू सामान सस्ते होने से हमारा बजट बचेगा, और त्योहारों की खरीदारी में मजा आएगा।”

क्या होगी चुनौती?

हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि छोटी कंपनियाँ लागत के दबाव के कारण कीमतें कम करने में देरी कर सकती हैं। सरकार के पास ‘एंटी-प्रॉफिटियरिंग’ नियम लागू करने का विकल्प है, लेकिन वह चाहती है कि कंपनियाँ स्वेच्छा से कीमतें घटाएँ। बाजार में प्रतिस्पर्धा के कारण ज्यादातर कंपनियाँ ग्राहकों को लाभ देने के लिए मजबूर होंगी।

कुल मिलाकर, जीएसटी कटौती से उपभोक्ताओं को सस्ते सामान और सेवाएँ मिलेंगी, जो अर्थव्यवस्था को गति दे सकता है। क्या यह कदम त्योहारी सीजन में बाजारों को नई चमक देगा? यह तो आने वाला वक्त बताएगा।

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