दिल्ली-एनसीआर में H3N2 फ्लू का कहर, 50-70% घर प्रभावित, विशेषज्ञों ने बताए बचाव के तरीके

Rahul Maurya

    नई दिल्ली, राष्ट्रबाण: दिल्ली-एनसीआर में H3N2 फ्लू का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। एक ताजा सर्वे के अनुसार, पिछले कुछ महीनों में 50 से 70 प्रतिशत घरों में कम से कम एक सदस्य को फ्लू जैसे लक्षण दिखाई दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह वायरस सामान्य सर्दी-जुकाम से अलग है और बच्चों, बुजुर्गों तथा सांस की बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। मौसम में बदलाव, नमी और प्रदूषण ने इस वायरस को फैलने का मौका दिया है।

    सर्वे में सामने आया भयावह आंकड़ा

    लोकल सर्किल्स के 11,000 लोगों पर किए गए सर्वे से पता चला है कि दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, फरीदाबाद और गाजियाबाद में फ्लू का प्रकोप चरम पर है। 37 प्रतिशत घरों में चार या इससे ज्यादा सदस्य बीमार हैं। 32 प्रतिशत घरों में एक से तीन लोग प्रभावित हुए, जबकि 25 प्रतिशत परिवारों में कोई पूरी तरह स्वस्थ नहीं बचा। सितंबर 2025 के आंकड़े मार्च 2025 से 15-20 प्रतिशत ज्यादा गंभीर हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, H3N2 वायरस प्रोटीन संयोजन से पहचाना जाता है, और इसके लक्षणों में तेज बुखार, ठंड लगना, सूखी या गीली खांसी, गले में खराश, थकान और मांसपेशियों में दर्द शामिल हैं।

    दिल्ली सबसे ज्यादा प्रभावित इलाके

    दिल्ली में 54 प्रतिशत घरों में कम से कम एक सदस्य फ्लू से जूझ रहा है। गुरुग्राम में 49 प्रतिशत परिवार प्रभावित हैं, खासकर आईटी और कॉर्पोरेट इलाकों में। नोएडा में 46 प्रतिशत घरों में लक्षण दिखे, जिससे स्कूलों में बच्चों की अनुपस्थिति बढ़ गई। फरीदाबाद में 42 प्रतिशत घरों में संक्रमण फैला, और अस्पतालों की ओपीडी में भीड़ उमड़ पड़ी। गाजियाबाद में 40 प्रतिशत परिवारों को निशाना बनाया गया, जहां बुजुर्गों के मामले ज्यादा गंभीर हैं।

    सामान्य सर्दी vs H3N2 फ्लू में मुख्य अंतर

    सामान्य सर्दी-जुकाम और H3N2 फ्लू के लक्षण समान लगते हैं, लेकिन फर्क साफ है। सर्दी धीरे-धीरे शुरू होती है और बुखार कम होता है, जबकि H3N2 अचानक 101°F से ऊपर बुखार के साथ आता है। जुकाम में खांसी हल्की होती है, लेकिन फ्लू में यह तेज और लगातार रहती है। गले की खराश दोनों में होती है, पर फ्लू में ज्यादा पीड़ा देती है। थकान और मांसपेशी दर्द फ्लू की खास निशानी हैं, जो कई दिनों तक बने रहते हैं। जुकाम जटिलताओं में नहीं बदलता, लेकिन H3N2 निमोनिया, ब्रोंकाइटिस या सांस की गंभीर समस्या पैदा कर सकता है।

    बचाव के आसान उपाय

    विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि साधारण कदमों से संक्रमण रोका जा सकता है। फ्लू का टीका लगवाएं, जो बीमारी की तीव्रता कम करता है। भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनें। साबुन से 20 सेकंड तक हाथ धोएं या सैनिटाइजर यूज करें। इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए हरी सब्जियां, फल, प्रोटीन और दही जैसे प्रोबायोटिक्स लें। लक्षण दिखें तो घर पर आराम करें और बाहर न निकलें। गंदे हाथों से चेहरा, नाक या आंख न छुएं।

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