बस्तर में 200 करोड़ की लागत से बनेगा हाई-टेक हॉस्पिटल, CM साय बोले- स्वास्थ्य सेवाओं में आएगी क्रांति

Rahul Maurya

    जगदलपुर, राष्ट्रबाण: छत्तीसगढ़ के बस्तर में स्वास्थ्य सेवाओं को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया गया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की मौजूदगी में 200 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले हाई-टेक सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के लिए समझौता (MoU) साइन किया गया। यह हॉस्पिटल बस्तर के जगदलपुर में 11 एकड़ जमीन पर बनेगा और इसमें 240 बेड की सुविधा होगी। इसका निर्माण केंद्र और राज्य सरकार के साथ-साथ नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (NMDC) के सहयोग से होगा। इस पहल से न केवल बस्तर, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ और आसपास के राज्यों के मरीजों को विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी।

    हॉस्पिटल की खासियतें

    यह सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल 10 मंजिला होगा और इसमें आधुनिक चिकित्सा उपकरणों से लैस कई विभाग होंगे। कार्डियोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, यूरोलॉजी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, न्यूरोलॉजी, और न्यूरोसर्जरी जैसे विशेष विभाग मरीजों को उन्नत इलाज प्रदान करेंगे। इसके अलावा, OPD, ICU, आपातकालीन सेवाएं, और एडवांस्ड इंटेंसिव केयर यूनिट्स भी होंगी। यह हॉस्पिटल सरकारी दरों पर इलाज मुहैया कराएगा, जिससे आम आदमी को भी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं सस्ते में मिल सकेंगी।

    बस्तर के लिए क्यों जरूरी?

    बस्तर जैसे आदिवासी और नक्सल प्रभावित क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी लंबे समय से एक बड़ी चुनौती रही है। गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए मरीजों को रायपुर या अन्य बड़े शहरों में जाना पड़ता था। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात सुरक्षा बलों को भी चोट लगने पर हेलिकॉप्टर से रायपुर ले जाया जाता था। इस हॉस्पिटल के बनने से स्थानीय स्तर पर ही उन्नत इलाज उपलब्ध होगा, जिससे मरीजों का समय और पैसा बचेगा। साथ ही, यह हॉस्पिटल बस्तर को स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक नया केंद्र बनाएगा।

    सरकार और NMDC की भूमिका

    इस परियोजना में केंद्र सरकार ने 120 करोड़ रुपये और छत्तीसगढ़ सरकार ने 80 करोड़ रुपये का योगदान दिया है। NMDC ने भी निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह हॉस्पिटल प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (PMSSY) के तहत बनाया जा रहा है। इसका निर्माण तेलंगाना की कॉन्टिनेंटल हॉस्पिटल के साथ साझेदारी में होगा। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि इस परियोजना की नींव 8 साल पहले रखी गई थी, और छत्तीसगढ़ के रजत जयंती वर्ष में इसका शुभारंभ ऐतिहासिक है।

    इस हॉस्पिटल से बस्तर के आदिवासी समुदाय को सबसे ज्यादा फायदा होगा। स्थानीय लोगों को अब गंभीर बीमारियों के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा। साथ ही, यह परियोजना क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ाएगी। विशेषज्ञों का कहना है कि यह हॉस्पिटल बस्तर को स्वास्थ्य पर्यटन के नक्शे पर ला सकता है, क्योंकि इससे छत्तीसगढ़ के साथ-साथ ओडिशा और तेलंगाना के मरीज भी आकर्षित होंगे।

    मुख्यमंत्री साय ने बताया कि सरकार का लक्ष्य बस्तर सहित पूरे छत्तीसगढ़ में विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाना है। इस हॉस्पिटल के शुरू होने के बाद अगले चरण में रखरखाव और विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति पर ध्यान दिया जाएगा। प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित करने का वादा किया है कि हॉस्पिटल का लाभ गरीब और जरूरतमंद मरीजों तक पहुंचे। क्या यह हॉस्पिटल बस्तर में स्वास्थ्य सेवाओं की तस्वीर बदल देगा? यह सवाल हर किसी के मन में है।

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