नागपुर (Nagpur), राष्ट्रबाण। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (RSS chief Mohan Bhagwat) ने नागपुर में संघ के हेडक्वार्टर (Union Headquarter) पर झंडा फहराते हुए कहा कि हम अपना 78वां स्वतंत्रता दिन पूरा कर रहे हैं….देश में इस स्वतंत्रता के लिए बलिदान करने वाला समूह और उनके पीछे खड़े होने वाले समाज ये दोनों बातें जब बनी तब हमें स्वतंत्रता प्राप्त हुई…हमने जो बड़ी मेहनत से स्वतंत्रता (Freedom) पाई वो पीढ़ी तो चली गई, लेकिन आने वाले पीढ़ी को स्व के रंग में रंगना और उसकी रक्षा करना हमारा दायित्व है। आने वाली पीढ़ी का यह कर्तव्य है कि वह स्वतंत्रता के ‘स्व’ की रक्षा करे, क्योंकि दुनिया में हमेशा ऐसे लोग होते हैं जो दूसरे देशों पर हावी होना चाहते हैं और हमें उनसे सतर्क एवं सावधान रहना होगा तथा स्वयं को बचाना होगा। उन्होंने कहा कि स्थिति हमेशा एक जैसी नहीं रहती। कभी-कभी स्थिति अच्छी होती है तो कभी-कभी स्थिति उतनी अच्छी नहीं होती। ये उतार-चढ़ाव तो चलते ही रहेंगे।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार
बांग्लादेश (Bangladesh) का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने कहा कि पड़ोसी देश में बहुत उत्पात हो रहा है वहां हिंदू बंधुओं को उसकी बहुत गर्मी झेलनी पड़ रही है। उनका कोई दोष नहीं है लेकिन फिर भी उनको ये सब झेलना पड़ रहा है। भारत के संदर्भ का जिक्र करते हुए कहा कि हम लोगों ने अतीत में कभी किसी पर आक्रमण नहीं किया, लेकिन हमारी परंपरा रही है कि जो भी मदद की आस लिए आया है उसकी अपनी तरफ से मदद ही की है। भले ही उसने बाद में हमारे साथ चाहे जैसा व्यवहार किया हो। हमने कभी किसी पर आक्रमण नहीं किया जो संकट में हुआ उसकी मदद की है। ये हमारे देश की परंपरा है। हमको इस तरह ही आगे चलना है। इस स्थिति में हमें यह भी देखना है कि हमारा देश सुरक्षित रहे और साथ ही दूसरे देशों की भी मदद करनी है। भारत हमेशा चाहता है कि हमारे पड़ोसी देश सुख और शांति के मार्ग पर चलें। शांति के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है, हमारे संस्कार हैं। आने वाले दिनों में बांग्लादेश की विकास यात्रा के लिए हमेशा हमारी शुभेच्छा रहेगी, क्योंकि हम मानव जाति की भलाई के बारे में सोचने वाले लोग हैं।’