बालाघाट, राष्ट्रबाण। राष्ट्रीय राज्यमार्ग प्राधिकरण के द्वारा अनुंबधित ठेकेदारो के माध्यम से गोंदिया से लावादा तक फोरलेन सडक का निर्माण कार्य करवाया गया। जहां गोंदिया से बालाघाट (Balaghat) तक अनुबंधित कपंनी केसीपीएल के द्वारा निर्माण कार्य करवाया गया। किंतु राष्ट्रीय हाईवे प्राधिकारण के द्वारा ठेकेदारो को दिये गये निर्माण कार्य के मापदंडो के विपरित और अनदेखी कर ठेकेदारो के द्वारा कार्य करके इतिश्री कर ली गई। जिससे भारत सरकार के इस महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट की गुणवत्ता पर प्रश्न चिन्ह लगने लगे है।

दरअसल, गोंदिया से लावादा तक फोरलेन सड़क निर्माण का कार्य अब भी प्रगति पर है। यह सड़क बालाघाट-गोंदिया राष्ट्रीय राजमार्ग 543 का हिस्सा है, जो भारतमाला परियोजना के तहत 1600 करोड़ की लागत से पूरी की जा रही है। इसके 2026 तक पूरी होने की उम्मीद है। लेकिन अनुबंधित कंपनी ने हडबडी में भारी गडबडी कर दी है। जहां इस बारिश में यह सडक जगह जगह धसक गई है और सड़क किनारे बना एम्बैंकमेंट वर्क भी धराशाही हो चुका है। ऐसे में हालात में यह सड़क भी अपना अस्तित्व खोती साफ नजर आ रही है। बालाघाट मुख्यालय से लगकर बहने वाली वैनगंगा नदी पर एक बडे पुल का निर्माण किया गया है। इसके अलावा कई ओवरब्रीज भी बनाये गये है। जहां जहां फ्लाईओवर बने है, वहां कार्य की गुणवत्ता संदिग्ध नजर आ रही है। सडक किनारे किया गया एम्बैंकमेंट बेहद ही घटिया स्तर का पहले ही नजर आ रहा था, जो शुरूआती बारिश में ही बह गया। बारिश के पानी से मिट्टी मिट्टी का कटाव हो रहा है। ऐसी दशा में सडक के बहने की भी संभावना बनी हुई है। यदि ऐसा हुआ तो सड़क किनारे खेतो में लगने वाली किसानो की फसल भी दफन हो जायेगी। इस पूरे मामले को लेकर अब पूर्व विधायक किशारे समरिते (EX. MLA Kishore Samarite)ने प्रधानमंत्री, भारत सरकार से शिकायत की है और सीबीआई जाचं की मांग की है।

समरिते ने अपने शिकायत पत्र में बताया कि भारत सरकार के भूतल परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय द्वारा मध्यप्रदेश एवं महाराष्ट्र के बीच बालाघाट एवं गोंदिया जिले के बीच 1600 करोड़ की लागत से हाइवे बनाने के ठेकों में गौण खनिज रेत, गिट्टी, मुरम की बिना खदाने स्वीकृत करवाये 100 स्थानों पर अवैध उत्खनन कर राज्य सरकारों को गौण खनिज से मिलने वाली रायल्टी की चोरी कर लगभग 200 करोड़ के गौण खनिज का अवैध उत्खनन किया गया। बालाघाट जिले में नेवरगांव, रजेगांव, लेण्डेझरी, केसलेवाड़ा, चिखला, हुड्डीटोला, कायदी, लबादा सहित 20 स्थानों में बिना अनुमति अवैध उत्खनन कर 100-100 फीट गहरे गढ़ढे कर दिये गये हैं तथा बिना जी.एस.टी के अकोला एवं बडोल से 300 करोड़ की गिट्टी खरीदी जो ब्लेक बेसाल्ट नहीं है। रिश्वत की राशि जो लगभग100 करोड़ रुपए है, के.सी.पी.एल. कम्पनी के मैनेजर मंजीतसिंह मोबाईल नंबर-799278016 द्वारा बांटी गयी। साथ ही इस कम्पनी में केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी की भी झूठी अफवाह फैलायी गयी है। जहां इस मामले में लांजी के पूर्व विधायक किशोर समरिते ने सी.बी.आई. जांच की मांग की है। साथ ही इस हाइवे का जो घटिया निर्माण किया गया है, उसमें भारी भ्रष्टाचार करने की आंशका भी जताई है।
समरिते का आरोप है कि स्टीमेट, ड्राइंग डिजाइन, प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति के अनुसार प्ऱति किलोमीटर15 करोड़ की लागत के स्थान पर मात्र 6 करोड़ रुपए प्रति किलोमीटर की लागत से बनाया गया है। जिसमें घटिया मटेरियल का उपयोग किया गया है तथा ठेकेदार द्वारा मटेरियल टेस्टींग रिपोर्ट फर्जी बनायी गयी है। रेत एवं मुरम के स्थान पर रजेगांव से चिखला तक 10 किलोमीटर में फलाई ऐश डालकर 100 करोड़ की रेत, गिट्टी एवं मुरम की फर्जी बिलिंग की गई है। समरिते का आरोप है कि स्टीमेट के अनुसार सडक एवं पुलियों का निर्माण नहीं किया गया। उनका यह भी आरोप है कि इस हाइवे पर सर्विस रोड का निर्माण घटिया तरीके से किया गया है तथा रजेगांव बालाघाट, सालेटेका चौक पर हाइवे के करीब गांवो की ओर जाने के लिये कोई इंडीकेशन नहीं है, कोई बोर्ड नहीं लगाये गये हैं तथा मार्ग काफी कमजोर बना है।