कुशीनगर में हॉस्टल में 11 साल के बच्चे की हत्या, पूर्व प्रिंसिपल ने गंदी हरकत का विरोध करने पर गला घोंटा

Rahul Maurya

    कुशीनगर, राष्ट्रबाण: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में एक दिल दहलाने वाली घटना ने शिक्षा जगत को झकझोर दिया। हाटा कोतवाली क्षेत्र के अब्दुल हमीदनगर में संस्कृत विद्या प्रबोधिनी पाठशाला के हॉस्टल में 11 साल के छात्र की गला घोंटकर हत्या कर दी गई। आरोपी पूर्व प्रिंसिपल प्रभुनाथ पांडेय ने बच्चे के साथ अनैतिक हरकत की कोशिश की थी। छात्र के विरोध और शिकायत की धमकी से डरकर उसने हत्या को अंजाम दिया। पुलिस ने प्रभुनाथ, उसके दो बेटों और वर्तमान प्रिंसिपल को गिरफ्तार कर लिया है।

    अनैतिक हरकत का विरोध बना हत्या की वजह

    एएसपी विनेश कटियार ने बताया कि 11-12 सितंबर की रात प्रभुनाथ पांडेय ने 11 वर्षीय छात्र के साथ गलत इरादे से अनैतिक कृत्य की कोशिश की। छात्र ने इसका पुरजोर विरोध किया और परिवार को बताने की बात कही। इससे घबराए प्रभुनाथ ने उसका गला घोंटकर हत्या कर दी। हत्या को आत्महत्या का रूप देने के लिए उसने अपने बेटों शिवनाथ और रामनाथ तथा वर्तमान प्रिंसिपल अवधेश कुमार द्विवेदी के साथ मिलकर शव को धोती से फंदे पर लटकाया। घटना में इस्तेमाल धोती को बाद में बदल दिया गया ताकि सबूत मिटाए जा सकें।

    पुलिस की तफ्तीश से खुला राज

    12 सितंबर की सुबह हॉस्टल में बच्चे का शव फंदे से लटका मिला। शुरुआत में इसे आत्महत्या माना गया, लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गला घोंटकर हत्या की पुष्टि हुई। एसपी संतोष कुमार मिश्र ने मौके का दौरा किया और एएसपी व सीओ कसया कुंदन सिंह की अगुवाई में जांच शुरू की। हाटा कोतवाली, स्वाट और सर्विलांस की संयुक्त टीम ने साक्ष्य जुटाए। पूछताछ में प्रभुनाथ ने आखिरकार गुनाह कबूल कर लिया। पुलिस ने धोती और दो मोबाइल फोन बरामद किए। प्रभुनाथ पर पहले से धोखाधड़ी का केस दर्ज है।

    चार लोग गिरफ्तार, जांच जारी

    पुलिस ने पूर्व प्रिंसिपल प्रभुनाथ पांडेय, उनके बेटों शिवनाथ और रामनाथ, और वर्तमान प्रिंसिपल अवधेश कुमार द्विवेदी को गिरफ्तार किया। सभी पर हत्या और सबूत मिटाने का आरोप है। एएसपी ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और गहन जांच जारी है। हॉस्टल के अन्य कर्मचारियों और गवाहों से भी पूछताछ की जा रही है। स्थानीय लोगों ने स्कूल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है।

    शिक्षा जगत में सनसनी

    यह घटना शिक्षा संस्थानों में बच्चों की सुरक्षा पर सवाल उठाती है। अभिभावकों में आक्रोश है, और उन्होंने स्कूलों में सख्त निगरानी की मांग की है। जिला प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए हॉस्टल के सुरक्षा इंतजामों की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि दोषियों को सजा मिलेगी।

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