दिल्ली में बाढ़ का खतरा! हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा गया लाखों क्यूसेक पानी

Rahul Maurya

दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। हथिनीकुंड बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद अगले 24 से 30 घंटे राजधानी के लिए मुश्किल भरे हो सकते हैं। प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।

यमुना क्यों उफान पर है?

पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश ने यमुना नदी को उफान पर ला दिया है। हरियाणा के यमुनानगर में स्थित हथिनीकुंड बैराज के सभी 18 गेट खोल दिए गए हैं। रविवार रात से सुबह तक बैराज से 1 लाख से लेकर 2.72 लाख क्यूसेक तक पानी यमुना में छोड़ा गया। यह पानी अगले 25-30 घंटों में दिल्ली पहुंचेगा, जिससे नदी का जलस्तर और बढ़ सकता है। मौजूदा समय में यमुना का जलस्तर 205.33 मीटर के खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। यमुनानगर, करनाल और सोनीपत में भी अलर्ट जारी किया गया है, और लोगों से नदी किनारे न जाने की अपील की गई है।

दिल्ली सरकार की तैयारी

यमुना के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए दिल्ली सरकार ने कमर कस ली है। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए मयूर विहार में बाढ़ राहत शिविर बनाए गए हैं। प्रशासन ने इन इलाकों को खाली कराने की योजना शुरू कर दी है। एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश ने भी स्थिति को और गंभीर बना दिया है। सरकार ने सभी संबंधित विभागों को हाई अलर्ट पर रखा है ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।

लोगों को क्या करना चाहिए?

दिल्ली के निचले इलाकों में रहने वाले लोगों से अपील की गई है कि वे सतर्क रहें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। यमुना के किनारे बसे मोहल्लों में पानी भरने का खतरा बढ़ गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर पानी का बहाव इसी तरह रहा, तो दिल्ली में बाढ़ जैसी स्थिति बन सकती है।

error: Content is protected !!