कुलगाम, राष्ट्रबाण: जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में सुरक्षा बलों की एक बड़ी कार्रवाई में लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का टॉप कमांडर अब्दुल रहमान उर्फ रहमान भाई मारा गया। यह एनकाउंटर रविवार देर रात शुरू हुआ और सोमवार सुबह तक चला, जिसमें रहमान भाई को ढेर कर दिया गया। उसकी मौत से घाटी में लश्कर के आतंकी नेटवर्क को गहरा झटका लगा है। रहमान भाई पर दर्जनों हमलों का आरोप था, जिसमें तीन युवतियों की हत्या का मामला भी शामिल था।
एनकाउंटर की कहानी
खुफिया एजेंसियों से मिली पुख्ता सूचना के आधार पर सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कुलगाम के एक गांव में संयुक्त अभियान चलाया। इलाका घेर लिया गया और स्थानीय लोगों को सुरक्षित निकाला गया। रहमान भाई और उसके साथी एक घर में छिपे थे। जब सुरक्षा बलों ने आत्मसमर्पण की अपील की, तो आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। लगभग तीन घंटे की मुठभेड़ के बाद रहमान भाई मारा गया। मौके से AK-47 राइफल, पिस्टल और गोला-बारूद बरामद हुआ।
रहमान भाई का बैकग्राउंड
अब्दुल रहमान उर्फ रहमान भाई 2005 से लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा था और डिविजनल कमांडर बन चुका था। पाकिस्तान से निर्देश लेकर वह घाटी में आतंकी गतिविधियां संचालित करता था। सूत्रों के अनुसार, वह हथियारों की सप्लाई, फंडिंग और युवाओं की भर्ती में माहिर था। उसने कई बार स्थानीय युवकों को उकसाकर आतंक की राह पर धकेला। पिछले दशक से वह सुरक्षा एजेंसियों की मोस्ट वांटेड लिस्ट में था।
प्रमुख हमले और आरोप
रहमान भाई पर कई बड़े हमलों का हाथ था। एक साल पहले तीन युवतियों की हत्या में उसका नाम सामने आया था। इसके अलावा, वह घाटी में कई सुरक्षा बलों पर हमलों और नागरिकों की हत्याओं में शामिल रहा। उसकी फंडिंग और हथियार सप्लाई की जिम्मेदारी से लश्कर का नेटवर्क मजबूत होता था। उसकी मौत से पुलवामा, शोपियां और कुलगाम जैसे इलाकों में आतंकी गतिविधियां कमजोर पड़ने की उम्मीद है।
एनकाउंटर का महत्व
यह एनकाउंटर खुफिया जानकारी की सफलता है। रहमान भाई लश्कर का प्रमुख चेहरा था, और उसकी मौत से संगठन की कमान और मनोबल टूटेगा। पिछले महीनों में दक्षिणी कश्मीर में आतंकी घटनाएं बढ़ी थीं, लेकिन सुरक्षा बलों के लगातार अभियान से स्थिति नियंत्रण में आ रही है।
कुलगाम एनकाउंटर ने घाटी में आतंक के खिलाफ सुरक्षा बलों की मुहिम को मजबूत किया है। रहमान भाई जैसे कमांडरों के सफाए से शांति की उम्मीद बढ़ी है।
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