सिवनी, राष्ट्रबाण। जिले में फैल रहे नशे के कारोबार पर सिवनी पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई कर अंतरराज्यीय ड्रग माफिया का बड़ा नेटवर्क तोड़ दिया। महाराष्ट्र के नागपुर और पुणे से दो कुख्यात सप्लायर गिरफ्तार किए गए हैं, जिनके तार एमडीएमए पाउडर की सप्लाई से जुड़े हैं। यह वही मौत का जहर है, जो बड़े शहरों से निकलकर सिवनी जैसे छोटे जिलों तक पहुँच रहा था। इस नेटवर्क की शुरुआत सिवनी के सूफीनगर गांधी वार्ड निवासी तस्कर हाकिम खान से हुई, जिसकी गिरफ्तारी ने पुलिस को पूरे गिरोह तक पहुँचाया।
20 अगस्त की रात से शुरू हुआ ऑपरेशन
कोतवाली थाना प्रभारी किशोर वामनकर को 20 अगस्त की रात मुखबिर से सूचना मिली कि हाकिम खान छिंदवाड़ा रोड बायपास पर एमडीएमए बेचने वाला है। घेराबंदी कर पुलिस ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। तलाशी में एमडीएमए पाउडर बरामद हुआ और तत्काल एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया।
पूछताछ में खुला पूरा नेटवर्क
गिरफ्तारी के बाद सख्ती से पूछताछ करने पर हाकिम ने कबूल किया कि वह अकेला नहीं है, बल्कि महाराष्ट्र से जुड़ा एक बड़ा इंटरस्टेट रैकेट सक्रिय है। एसपी सिमाला प्रसाद के निर्देश पर एएसपी दीपक मिश्रा और सीएसपी पूजा पांडे के नेतृत्व में विशेष टीम बनाई गई।
नागपुर-पुणे में दबिश, सप्लायर गिरफ्तार
साइबर सेल की मदद से कॉल डिटेल और लोकेशन ट्रेस की गई। जांच सीधे नागपुर और पुणे तक पहुँची। टीम ने गुप्त कार्रवाई कर नागपुर से अजहर पटेल उर्फ अज्जू खान (28) और पुणे के चाकन इंडस्ट्रियल एरिया से विकास कांबले (28) को दबोच लिया। अजहर पर पहले से ही 2020 से एनडीपीएस एक्ट के कई मामले दर्ज हैं और वह फरार चल रहा था। विकास मजदूरी की आड़ में नशे का कारोबार चला रहा था।
शातिर तरीकों से चल रहा था धंधा
जांच में सामने आया कि यह गिरोह बेहद चालाकी से काम करता था। अजहर हर तीन–चार महीने में मोबाइल नंबर बदल देता था। अब तक पुलिस को उसके चार नंबर मिले हैं। पैसों का लेन-देन भी अपने नाम से नहीं करता था, बल्कि साले विकास कांबले के खाते से करता था, जिसे अब पुलिस ने फ्रीज कर दिया है। सप्लाई बड़े पैकेटों में नहीं, बल्कि छोटे–छोटे पैकेटों में भेजी जाती थी। अजहर बार-बार ठिकाने बदलता रहा, हसनबाग हनुमान नगर से लेकर सिद्धार्थ नगर टेकानाका और पैराडाइज हिल्स डीमार्ट तक।
आगे और खुलासों की उम्मीद
गिरफ्तार दोनों सप्लायरों से पुलिस ने मोबाइल फोन जब्त किए हैं और विकास के बैंक खाते में जमा अवैध रकम फ्रीज कर दी है। फिलहाल दोनों को रिमांड पर लेकर पूछताछ जारी है। सीएसपी पूजा पांडे के अनुसार यह नेटवर्क युवाओं को नशे की गिरफ्त में धकेल रहा था। कार्रवाई के बाद जिले में नशे का बड़ा जाल टूट चुका है और आने वाले दिनों में और बड़े खुलासे संभव हैं।
पुलिस टीम की सराहनीय भूमिका
इस कार्रवाई में थाना प्रभारी किशोर वामनकर, एसआई दिनेश रघुवंशी, प्रधान आरक्षक योगेश राजपूत, शेखर बघेल, अमर उइके, परवेज सिद्धीकी, सुजान बघेल, आरक्षक अमित रघुवंशी, प्रतीक बघेल, अजेन्द्र पाल, अनिल वर्मा, मजहर कुरैशी, प्रशांत गजभिये और साइबर सेल के एसआई देवेंद्र जायसवाल सहित पूरी टीम की अहम भूमिका रही।
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