भोपाल/सिवनी, राष्ट्रबाण। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मध्य प्रदेश इकाई में बड़े संगठनात्मक बदलाव के तहत, पूर्व विधायक और अनुभवी नेता हेमंत खंडेलवाल को प्रदेश अध्यक्ष की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह घोषणा पार्टी आलाकमान द्वारा मंगलवार शाम को की गई, जिसके बाद से प्रदेश भर के भाजपा कार्यकर्ताओं में मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।
खंडेलवाल को यह कमान पार्टी को संगठनात्मक स्तर पर नई ऊर्जा और दिशा की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। उनके चयन को लेकर राजनीतिक गलियारों में कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन अंततः खंडेलवाल के अनुभव और पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा को प्राथमिकता दी गई।
सिवनी कार्यालय में जश्न की जगह पसरा सन्नाटा, क्यों लटका है ताला?
जहां एक ओर खंडेलवाल की नियुक्ति को लेकर भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में हलचल देखी गई, वहीं दूसरी ओर, सिवनी स्थित भाजपा कार्यालय में अप्रत्याशित रूप से जश्न की जगह सन्नाटा पसरा हुआ है और कार्यालय पर ताला लटका हुआ है। आमतौर पर ऐसे बड़े संगठनात्मक बदलावों पर स्थानीय कार्यालयों में उत्सव का माहौल होता है, लेकिन सिवनी में यह नजारा हैरान करने वाला है। इस सन्नाटे के पीछे कई अटकलें लगाई जा रही हैं। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, इसके कई कारण हो सकते हैं।
नेतृत्व परिवर्तन से असंतोष
संभव है कि स्थानीय इकाई में कुछ नेता या कार्यकर्ता शीर्ष नेतृत्व के इस फैसले से असहमत हों, जिसके कारण उन्होंने सार्वजनिक रूप से जश्न मनाने से परहेज किया हो।
आंतरिक गुटबाजी
सिवनी जिले में भाजपा के भीतर गुटबाजी की खबरें पहले भी आती रही हैं। हो सकता है कि नए अध्यक्ष की नियुक्ति ने इन गुटों के बीच सामंजस्य स्थापित न किया हो, और इसी वजह से कार्यालय पर ताला लटका हुआ है। सूचना का अभाव या भ्रम: यह भी संभव है कि स्थानीय कार्यकर्ताओं तक आधिकारिक सूचना देर से पहुंची हो, या नियुक्ति को लेकर कोई भ्रम की स्थिति हो, जिसके कारण वे किसी तरह के सार्वजनिक कार्यक्रम से बचे हों।
नए अध्यक्ष से दूरी
कुछ लोग यह भी कयास लगा रहे हैं कि सिवनी के स्थानीय नेताओं और नए प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल के बीच सीधे तौर पर मजबूत तालमेल का अभाव हो सकता है, जिससे उत्सव का माहौल नहीं बन पाया। फिलहाल, सिवनी कार्यालय पर लटके ताले और पसरे सन्नाटे को लेकर कोई आधिकारिक स्पष्टीकरण नहीं आया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि हेमंत खंडेलवाल के नेतृत्व में भाजपा मध्य प्रदेश में आगामी चुनावों के लिए किस तरह से अपनी रणनीति को अंजाम देती है, और क्या वे पार्टी की सभी इकाइयों में एकजुटता लाने में सफल रहते हैं।