MP News : धान गाड़ी से 50 हजार की वसूली के प्रयास में मुंह की खाये वसुलीबाज पत्रकार

Rashtrabaan

बालाघाट, राष्ट्राबाण। बालाघाट में कुछ लोगो द्वारा गिरोह बना कर पत्रकारिकता को कलंकित किया जा रहा है। वैसे तो ये सच्चे पत्रकार की कलम से भयभीत होते है और काले काम करने वालो के इशारो पर सच्चे कलमकारों के खिलाफ झूठे ज्ञापन दे कर तस्करो से चंद रूपये की भीख मांग कर अपने आपको पत्रकारिकता का पुरोधा बताते है लेकिन सच्चाई इसके विपरीत होती है और ये खबरों के धोधा निकलते है। ऐसे ही कुछ पत्रकारों के चेहरे से मुखौटा उतरा है।

- Advertisement -
इन पत्रकारों पर लगा वसूली का आरोप : भास्कर भारद्वाज पत्रकार, आशीष मिश्रा, पंचायती राज न्यूज सम्पादक, प्रकाश दुबे नवभारत पत्रकार, निकेश चंदेले पत्रकार (क्रमशः)

प्राप्त जानकारी के अनुसार राजेगांव बैरियर पर बालाघाट से गोंदिया लगातार धान की गाड़ियां जा रही है। कुछ व्यापारी भी नियमानुसार मंडी शुल्क पटाकर धान विक्रय हेतु ले जा रहे हैं। राइस मिलर भी विपणन विभाग से आर.ओ. कटाकर अपनी राइस मिल पर धान पीसने का काम जारी है। कुछ राइस मिलर जरूर सरकारी धान को पलटी करके सफेद बोरी में भरकर 18-20 टन का माल 8-10 टन की मंडी शुल्क चुकाकर गोंदिया माल बेच रहे। प्रशासन बीच-बीच में मंडी शुल्क चोरी करने वालों पर कार्यवाही जरूर कर रहा है, पर इस काम काम में पूर्णता विराम लगाने में असफल हो रहा है।

- Advertisement -

बताया जाता है कि बीती रात 14 जून 2024 को बालाघाट के 4 पत्रकारों ने रजेगांव बैरियर पर एक गाड़ी को जो की बैरियर से कुछ दूरी पर खड़ी थी का फुटेज बनाकर एक मंडी अधिकारी की कार्य प्रणाली पर संदेह व्यक्त करते हुए समाचार भी प्रकाशित किया है। बताया जाता है कि मौजूद पत्रकारों में प्रकाश दुबे, आशीष मिश्रा, निकेश चंदेले और भास्कर भारद्वाज शामिल थे। जिन्होंने धान से भरी गाड़ी पर धान तस्करी का उजागर करते हुए मंडी सचिव की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए लेकिन ज्ञान के अजीर्ण से ग्रसित पत्रकारों को यह ज्ञान नहीं था की इस पर कार्यवाही विपणन अधिकारी या संबंधित क्षेत्र के एसडीएम द्वारा किया जाता। ये पत्रकार इन्हे सूचना देकर जांच करवा सकते थे। लेकिन एक धान तस्कर के ये गोदी पत्रकार राइस मिलर और मंडी सचिव की सांठ गांठ बताने से नहीं चुके।

सूत्रानुसार उक्त चारों पत्रकारों द्वारा अन्य मोबाइल के माध्यम से राइस मिलर को जगह पर बुलाया गया और उससे रुपयों की डिमांड करने लगे। राइस मिलर द्वारा रुपया देने से साफ तौर पर मना कर दिया गया और उसने यह बताया की गाड़ी रजेगांव गांव से लोड हुई है और मेरे अंबे राइस मिल भमोड़ी ही जाएगी। चुकि रात मे गाड़ी खाली नहीं हो सकती थी इसलिए ड्राइवर ने गाड़ी अपने घर मे खड़ी कर रखी थी, सुबह गाड़ी रईस मिल जाकर खाली होने वाली थी l ट्रक ड्राइवर और मालिक द्वारा जब हल्ला किया गया तो चारों पत्रकार दबे पांव वहां से अपनी इज्जत बचाते हुए भाग निकले। उसके पश्चात् समाचार प्रकाशित किया। बता दें कि राइस मिलर द्वारा अभी तक प्रशासन से शिकायत नहीं की गई है परंतु सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पत्रकारों द्वारा 50,000 की मांग की गई है जिसे राइस मिलर द्वारा नहीं दिया गया। साथ ही राइस मिलर ने यह भी कहा है की अगर जरुरत पड़ी तो इनकी शिकायत भी की जाएगी।

- Advertisement -
error: Content is protected !!