MP News : छः माह से बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र पाने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के चक्कर काट रहा पिता

Rashtrabaan

किरनापुर, राष्ट्रबाण। सरकार द्वारा जच्चा बच्चा की सुरक्षा हेतु एवं अन्य सरकारी योजनाओं से लाभान्वित करने के लिए स्वास्थ्य केंद्रों में सुरक्षित प्रसव कराने की सुविधा कराई गई है किंतु जिम्मीदवारों द्वारा अपने कर्तव्यों का भली भांति निर्वहन ना करते हुए हितग्राहियों को परेशान करने का कार्य किया जा रहा है ।जिसके चलते अनेक हितग्राही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र किरनापुर के चक्कर लगा लगाकर परेशान होते जा रहे हैं। ऐसे अनेकों मामले हैं।

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ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया जहां क्षेत्र के ग्राम दहीगढ़वा निवासी मनीष चौधरी जो बेहद ही गरीब परिवार से हैं उन्होंने अपनी व्यथा सुनाते हुए बताया कि उसकी पत्नी निकिता चौधरी का प्रसव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सालेटेका में माह जनवरी 2024 में हुआ था अपने बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र लेने मैंने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सालेटेका में संपर्क किया तो वहा के कर्मचारियों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र किरनापुर से जन्म प्रमाण पत्र मिलने की बात कही थी, तब से लेकर मैं जन्म प्रमाण पत्र लेने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र किरनापुर आते रहता हूं किंतु 6 माह बीत जाने की बाद भी मुझे आज तक मेरे बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र नहीं मिल पाया है जिससे मुझे बेहद ही आर्थिक एवं शारीरिक रूप से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

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यहां के कर्मचारी मुझे कभी 8 दिन में आना तो कभी 15 दिन में आने की बात कहते हुए टालमटोल करते जा रहे हैं बार-बार किरनापुर आने से अपनी मजदूरी पर भी नही जा पा रहा है। वह बेहद ही गरीब परिवार से हैं बार बार किरनापुर आने से उसका समय एवं पैसा दोनों ही बर्बाद हो रहे हैं ।तथा जन्म प्रमाण पत्र के अभाव में मुझे अन्य शासकीय योजनाओं का भी लाभ नहीं मिल पा रहा है ।पीड़ित मनीष चौधरी ने उच्च अधिकारियों से उसे अपने अपने बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र दिलवाई जाने की मांग की है ।वही इस विषय के संदर्भ में खंड चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अखिलेश मराठे को अवगत कराने पर उन्होंने बताया कि शाम तक हितग्राही को जन्म प्रमाण पत्र प्रदान कर दिया जाएगा ।वही देर शाम हितग्राही ने भी जन्म प्रमाण पत्र प्राप्त हो जाने की जानकारी दी है।बहरहाल शासकीय दफ्तरो में समय पर कार्यों का निष्पादन ना करते हुए हितग्राहियों को परेशान करने का कार्य लगातार किया जा रहा है, जिसे उच्च अधिकारियों को संज्ञान में लिया जाना नितांत आवश्यक है। जिससे अंतिम छोर पर बसे व्यक्ति तक शासन की योजनाओं का लाभ दिलाये जाने की सरकार की मंशा सार्थक हो सके।

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