भोपाल, राष्ट्रबाण। मध्य प्रदेश में सरकारी स्कूलों पर शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से विगत वर्ष मप्र उच्च माध्यमिक शिक्षक चयन परीक्षा 2023 का आयोजन किया गया था। इस परीक्षा में प्रदेश से 8720 उच्च माध्यमिक शिक्षकों का चयन किया जाना था, किंतु 3400 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। इसे प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था का दुर्भाग्य ही कहेंगे कि चयनित अभ्यर्थियों को अभी तक नियुक्ति पत्र नहीं मिला है। परीक्षा के परिणाम 6 महीने बाद यानि 20 फरवरी को जारी किया गया और तब से लेकर आज तक चयनित शिक्षक नियुक्ति की आस लगाए बैठे हैं।
भोपाल कार्यालय के चक्कर काटने को मजबूर चयनित अभ्यर्थी
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा एक महीने पहले दस्तावेज सत्यापन कराया गया और शाला विकल्प चयन का कार्य भी पूरा करवाया गया , लेकिन किसी भी चयनित शिक्षक का नियुक्ति पत्र अब तक जारी नहीं किया गया। विभाग द्वारा इसमें देरी की वजह भी नहीं बताई जा रही और न ही नियुक्तिपत्र आने की कोई तारीख बताई जा रही है। इस कारण चयनित अभ्यर्थी दिन- रात नियुक्ति की प्रतीक्षा में हैं और बार-बार भोपाल कार्यालय के चक्कर काटने को मजबूर हैं।
नजरअंदाज कर रहा विभाग
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सत्ता संभालते ही वादा किया था की चयनित शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। अन्य विभागों ने इस वादे को पूरा करते हुए चयन के 15 दिनों के भीतर नियुक्ति पत्र वितरित कर दिए। हालांकि स्कूल शिक्षा विभाग और लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा इसे नजरअंदाज करते हुए अब तक नियुक्ति पत्र जारी नहीं किए हैं। यह स्थिति चयनित शिक्षकों और उनके परिवारों के लिए बेहद निराशाजनक है।