बालाघाट, राष्ट्रबाण। बालाघाट ज़िले मे धान की फसल अन्य फसलों की तुलना मे बहुत अधिक मात्रा मे उगाई जाती है, जिसका लगभग 80-90 प्रतिशत धान सरकार शासकीय उपार्जन केन्द्रो द्वारा खरीद लेती है और इसे मिलिंग के लिए राईस मिलरो को दे कर 67 प्रतिशत चावल प्रति क्युंटल के अनुपात मे मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाई कार्पॉरेशन / भारतीय खादय निगम को अनिवार्य रूप से जमा कराने के निर्देश देती है l परन्तु कुछ राईस मिलर उक्त शासकीय धान को अपने बाप की बपौती समझते है और कुछ बिकाऊ अधिकारियो के साथ सांठ-गांठ कर इसे अन्य राज्यों मे स्थापित उष्णा मिलो को बेच देते है जहां इन्हे उस शासकीय धान को बेचने के एवज मे ज्यादा मुनाफा मिलता है जो की इन्हे उक्त धान को मिलिंग करने मे उतना मुनाफा नहीं होता !
आपको बता दे की पिछले वर्ष 2023-24 मे बालाघाट जिले से शासकीय धान की तस्करी करने वालो का राष्ट्रबाण ने मुखौटा सामने लाया था, जिसमे सचदेव राईस मिल कोसमी के संचालक समीर सचदेव की गाड़ी रजेगांव बार्डर पर शासकीय धान की तस्करी करते अधिकारियो ने पकड़ी थी। जिसे समीर सचदेव ने मार्फेड के अधिकारियो से साठ गाठ कर छुड़वा लिया था और अधिकारियो ने सचदेव राईस मिल के खिलाफ भी कोई कार्यवाही नहीं की थी। जबकि कुछ माह पूर्व एक दूसरे राईस मिलर की गाड़ी तस्करी करते पकडे जाने पर विभाग द्वारा एफआईआर दर्ज की गयी थी। इससे स्पष्ट समझ आता है की समीर सचदेव ने अपनी गाड़ी छुड़वाने और कार्यवाही से बचने के लिए किस हद तक अधिकारी को रिश्वत खिलाई होंगी ?
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 10 दिसंबर से धान के आरओ जारी होना शुरू हो चुके है l पिछली बार की तरह समीर सचदेव इस बार भी शासकीय धान की अफरा तफ़री बड़े पैमाने पर करने की तैयारी मे है l सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 3/1/2025 को सचदेव राईस मिल कोसमी और सचदेव राईस एंड सॉर्टेक्स कोसमी को 258 लॉट धान मिलिंग के लिए जारी हुए है, जिसे मिलिंग कर 67 प्रतिशत के अनुपात मे चावल अनुमति मिलने के 15 दिनों के भीतर इंदौर देवास और उज्जैन मे जमा करना अनिवार्य है l जानकारी के अनुसार अगर 15 दिनों मे चावल जमा नहीं किया जाता है तो मिलर को चावल की अनुमति अनुसार शेष बचत चावल की मात्रा पर 2 रूपये प्रति क्युंटल प्रति दिन के हिसाब से पेनाल्टी लगाई जाएगी l
आपको बता दे की सचदेव राईस मिल कोसमी की छमता 6 टन प्रति घंटा और सचदेव राईस एंड सॉर्टेक्स कोसमी की छमता 8 टन प्रति घंटा धान मिलिंग की है l इस अनुसार यह अनुमान लगाया जा सकता है की क़्या दोनों राईस मिल की मिलिंग छमता इतना लॉट 15 दिनों मिलिंग करने की है ? या फिर समीर द्वारा अधिकारियो से सांठ-गांठ कर ज्यादा से ज्यादा लॉट जारी कराकर फर्जी मिलिंग दिखाकर शासन के धान को अफरा तफ़री करने की तैयारी है? यहां यह बताना आवश्यक होगा की सचदेव राईस मिल और सचदेव सॉर्टेक्स कोसमी को अन्य दूसरे मिलरो की अपेक्षा बहुत अत्यधिक लॉट दिए जा रहे है। जबकि दूसरे मिलरो को 6,8,12, 20 या 50 इस तरह के लॉट मिल रहे है वही समीर सचदेव को एक ही अनुमति मे 258 लॉट जारी कर दिया जा रहा है, जिससे यह भी स्पष्ट होता है की समीर सचदेव विभाग के अधिकारियो के साथ सांठ-गांठ कर ज्यादा लॉट जारी करवा रहे है l
आपको बता दे की समीर सचदेव को धान तस्कर इसलिए कहा जाता है क्युकी इनके राईस मिल की जाँच 5 अधिकारियो की टीम ने की थी पिछले वर्ष जारी किये गए लॉट मे 60 प्रतिशत धान सचदेव राईस मिल कोसमी के द्वारा मिलिंग करना नहीं पाया गया और अन्य गड़बड़िया भी मिल मे पायी गयी। जिससे सिद्ध हो जाता है की सचदेव राईस मिल के संचालक द्वारा शासकीय धान की अफरा तफ़री कर बाहर अन्य जिलों मे बेच दिया गया और उसके एवज मे पूर्ण भुगतान प्राप्त कर लिया गया l इस बार धान तस्कर ने नया धान की हेराफेरी करने का नया जुगाड़ जमाया है और धान महाराष्ट्र के साथ अब छत्तीसगढ़ मे भी बेचने के फिराक मे है। क्यूंकी छत्तीसगढ़ मे धान के मूल्य मध्यप्रदेश की अपेक्षा ज्यादा है जिसकी वज़ह से ज्यादा पैसो के लालच मे वहां के उष्णा प्लांटो पर शासकीय धान बेचने की तैयारी है l अब देखना यह है की जिम्मेदार सचदेव राईस मिल पर कार्यवाही करने मे कितना समय लगाते है और इस धान तस्कर को शासकीय धान की अफरा तफ़री करने मे रोक पाते है या नहीं !