पीएम मोदी का अमेरिकी टैरिफ पर जवाब: किसानों के हितों से कोई समझौता नहीं

Rahul Maurya

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका द्वारा भारतीय निर्यात पर 50% टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी। दिल्ली में एमएस स्वामीनाथन शताब्दी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने साफ कहा कि भारत अपने किसानों, मछुआरों और पशुपालकों के हितों की रक्षा हर कीमत पर करेगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए देश और उन्हें व्यक्तिगत रूप से भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है, लेकिन भारत इसके लिए तैयार है।

यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस फैसले के जवाब में आया, जिसमें उन्होंने अगस्त 2025 से भारतीय कृषि और अन्य उत्पादों पर 25% टैरिफ को बढ़ाकर 50% करने की घोषणा की। यह कदम भारत के रूस से तेल आयात और ब्रिक्स सदस्यता को लेकर उठाया गया है, जिसे भारत ने “अनुचित और अन्यायपूर्ण” करार दिया है।

भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता में गतिरोध

पिछले कुछ महीनों से भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर बातचीत चल रही थी, लेकिन यह वार्ता तब टूट गई जब ट्रंप प्रशासन ने भारत से कृषि और डेयरी क्षेत्र को अमेरिकी उत्पादों के लिए खोलने की मांग की। भारत ने साफ कर दिया कि वह इन क्षेत्रों में कोई रियायत नहीं दे सकता। देश की करीब 60% आबादी कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों पर निर्भर है।

विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिकी कृषि उत्पादों, विशेष रूप से जेनेटिकली मोडिफाइड (GM) फसलों और डेयरी उत्पादों को बाजार में लाने से भारतीय किसानों और पशुपालकों की आजीविका पर गंभीर असर पड़ सकता है। भारत ने धार्मिक और सांस्कृतिक कारणों से पशु-आधारित चारे से बने डेयरी उत्पादों के आयात पर भी रोक लगाई है। अगस्त के अंत में अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच भारत में अगली दौर की बातचीत के लिए आएंगे, लेकिन भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि किसानों के हितों से समझौता नहीं होगा।

किसानों के लिए मोदी का संकल्प

एमएस स्वामीनाथन सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा कि भारत के लिए किसानों का हित सर्वोपरि है। उन्होंने हरित क्रांति के जनक स्वामीनाथन के योगदान को याद करते हुए कहा कि उनकी जैव विविधता और बायो-हैपिनेस की अवधारणा आज भी प्रासंगिक है। मोदी ने बताया कि उनकी सरकार जैव विविधता को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठा रही है, ताकि स्थानीय समुदायों का जीवन बेहतर हो।

उन्होंने स्वामीनाथन के सम्मान में एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया। मोदी ने जोर देकर कहा कि वैश्विक आर्थिक अस्थिरता के इस दौर में भारत अपनी स्वदेशी नीतियों को और मजबूत करेगा। उन्होंने ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देते हुए लोगों से भारतीय उत्पादों को प्राथमिकता देने की अपील की।

भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों पर असर

भारत और अमेरिका के बीच 2024-25 में 131.8 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ, जिसमें भारत का निर्यात 86.5 अरब डॉलर था। दोनों देशों ने 2030 तक व्यापार को 500 अरब डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन टैरिफ विवाद ने इस रिश्ते को तनावपूर्ण बना दिया है। ट्रंप ने भारत को “उच्च टैरिफ वाला देश” करार देते हुए दावा किया कि भारत अमेरिका के साथ व्यापार में असंतुलन पैदा करता है।

दूसरी ओर, भारत ने तर्क दिया कि कई अन्य देश, जिनमें अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं, रूस से व्यापार करते हैं, फिर भी भारत को निशाना बनाया जा रहा है। इस विवाद ने स्वदेशी आंदोलन को और हवा दी है, जिसमें लोग भारतीय उत्पादों को अपनाने की मांग कर रहे हैं।

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