यूपी, राष्ट्रबाण: समाजवादी पार्टी (सपा) की चायल विधायक पूजा पाल को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। यह कार्रवाई तब हुई, जब उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अतीक अहमद के खिलाफ कार्रवाई के लिए खुलकर तारीफ की। गुरुवार सुबह यूपी विधानसभा में ‘विजन डॉक्यूमेंट 2047’ पर चर्चा के दौरान पूजा ने कहा कि योगी ने उनके पति राजू पाल के हत्यारे अतीक अहमद को “मिट्टी में मिला दिया” और उनकी 18 साल की लंबी लड़ाई को न्याय दिलाया।
उनका यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इसे अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधि मानते हुए तत्काल निष्कासन का फैसला लिया। इस घटना ने उत्तर प्रदेश की सियासत में भूचाल ला दिया है, क्योंकि पूजा पाल पहले भी राजनैतिक रूप से विवादों में रही हैं।
क्यों की पूजा ने योगी की तारीफ?
पूजा पाल के पति राजू पाल, जो 2004 में बसपा विधायक थे, की जनवरी 2005 में माफिया सरगना अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ ने हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड ने पूजा को सियासत में लाने का रास्ता बनाया। उन्होंने 2007 और 2012 में बसपा के टिकट पर चुनाव जीता, लेकिन 2018 में बसपा से निष्कासित होने के बाद 2019 में सपा में शामिल हुईं। 2022 में वह सपा के टिकट पर चायल से विधायक बनीं। पूजा ने योगी की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने अतीक और अशरफ को 2023 में पुलिस मुठभेड़ में मार गिराकर उनके परिवार और पाल समुदाय को न्याय दिलाया।
अखिलेश का फैसला और सियासी घमासान
अखिलेश यादव ने पूजा पाल के निष्कासन को “पार्टी विरोधी गतिविधियों” का हवाला देते हुए त्वरित कार्रवाई की। सपा प्रवक्ता ने कहा कि पूजा का बयान पार्टी की विचारधारा और नीतियों के खिलाफ था। इससे पहले, फरवरी 2024 में पूजा सहित सात सपा विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की थी, जिससे सपा को एक सीट गंवानी पड़ी। हालांकि, सपा ने इसे अनुशासन का मामला बताया। पूजा ने निष्कासन पर कहा, “मैंने सच बोला, मुझे इसका कोई अफसोस नहीं। योगी ने मेरे पति के हत्यारों को सजा दी, जब सपा चुप थी।”
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