नई दिल्ली, राष्ट्रबाण: कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग और केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया कि चुनाव आयोग भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ मिलकर ‘वोट चोरी’ कर रहा है और इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह की सहमति है। राहुल ने सवाल उठाया कि आयोग उनसे तो हलफनामा मांगता है, लेकिन BJP नेताओं, खासकर अनुराग ठाकुर, से ऐसा क्यों नहीं करता? उन्होंने यह भी पूछा कि आयोग पर मुकदमा क्यों नहीं चल सकता, जब वह पारदर्शिता के साथ काम नहीं कर रहा?
‘चुनाव आयोग की कार्यशैली में पारदर्शिता की कमी’
राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव आयोग की कार्यशैली में पारदर्शिता का अभाव है। उन्होंने आरोप लगाया कि पहले यह सब छिपकर होता था, लेकिन अब खुलेआम हो रहा है। राहुल ने कहा, “आयोग ने CCTV और इलेक्ट्रॉनिक वोटर लिस्ट देने से इनकार कर दिया। हमने पूछा कि बेंगलुरु सेंट्रल और महाराष्ट्र में वोटर लिस्ट में गड़बड़ी कैसे हुई, लेकिन जवाब नहीं मिला।” उन्होंने दावा किया कि बिहार में लाखों जीवित लोगों के नाम वोटर लिस्ट से हटाए गए, जिसे उन्होंने ‘लोकतंत्र की हत्या’ करार दिया।
महाराष्ट्र में ‘एक करोड़ नए वोटर’ का रहस्य
राहुल ने महाराष्ट्र का उदाहरण देते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन ने 30 सीटें जीतीं, लेकिन चार महीने बाद विधानसभा चुनाव में BJP गठबंधन ने भारी जीत हासिल की। उन्होंने दावा किया कि इस दौरान वोटर लिस्ट में एक करोड़ नए मतदाता जोड़े गए, जिन्होंने ज्यादातर BJP को वोट दिए। राहुल ने सवाल उठाया, “ये नए वोटर कहाँ से आए? जब हमने आयोग से इलेक्ट्रॉनिक वोटर लिस्ट और CCTV फुटेज माँगी, तो हमें कुछ नहीं दिया गया।” उन्होंने बेंगलुरु सेंट्रल की महादेवपुरा सीट का हवाला देते हुए कहा कि वहाँ 1 लाख से ज्यादा फर्जी वोटों के जरिए BJP ने जीत हासिल की।
‘2023 का कानून और आयोग की जवाबदेही’
राहुल गांधी ने दावा किया कि 2023 में सरकार ने एक ऐसा कानून बनाया, जिसके तहत चुनाव आयोग पर कोई मुकदमा नहीं चलाया जा सकता। उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए खतरनाक बताया और कहा कि यह कानून PM मोदी और गृहमंत्री शाह की जानकारी में बनाया गया ताकि आयोग की जवाबदेही खत्म हो। राहुल ने कहा, “आयोग मुझसे हलफनामा माँगता है, लेकिन BJP नेताओं से क्यों नहीं? यह पक्षपात क्यों?”
‘वोटर अधिकार यात्रा’ और आयोग का जवाब
राहुल गांधी ने बिहार में ‘वोटर अधिकार यात्रा’ शुरू की है, जिसमें वे मतदाता सूची में गड़बड़ियों के खिलाफ जागरूकता फैला रहे हैं। यह यात्रा 25 जिलों को कवर करेगी और 1 सितंबर को पटना में रैली के साथ खत्म होगी। दूसरी ओर, चुनाव आयोग ने राहुल के आरोपों को ‘बेबुनियाद’ बताया और कहा कि उन्हें सात दिनों के भीतर हलफनामा देना होगा, वरना देश से माफी माँगनी होगी। आयोग ने यह भी कहा कि वोटर लिस्ट की जाँच के लिए सभी दलों को ड्राफ्ट लिस्ट दी गई थी, लेकिन कांग्रेस ने समय पर आपत्तियाँ दर्ज नहीं कीं।
Read Also: एनडीए ने उपराष्ट्रपति पद के लिए सीपी राधाकृष्णन को चुना, जेपी नड्डा ने की घोषणा