नई दिल्ली, राष्ट्रबाण: कांग्रेस के दिग्गज नेता राहुल गांधी सियासत में भूचाल लाने को तैयार हैं। पहले ‘एटम बम’ से हलचल मचाने के बाद अब वो 17 सितंबर 2025 को ‘हाइड्रोजन बम’ फोड़ने जा रहे हैं। ये तारीख इसलिए भी खास है क्योंकि इसी दिन पीएम नरेंद्र मोदी का जन्मदिन है। राहुल का दावा है कि वो वोट चोरी के नए सबूत पेश करेंगे, जिसमें वाराणसी लोकसभा और हरियाणा विधानसभा चुनावों पर बड़ा खुलासा हो सकता है।
बिहार की यात्रा से मिला जोश
राहुल गांधी ने हाल ही में बिहार में ‘वोटर अधिकार यात्रा’ पूरी की, जिसमें 16 दिनों में 1300 किलोमीटर का सफर तय किया। इस यात्रा में उन्होंने SIR (संभवतः स्टेटस ऑफ इंडियन रिपोर्ट) और वोट चोरी के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया। बिहार की जनता का जबरदस्त रिस्पॉन्स देखकर राहुल का हौसला बुलंद है। पटना में यात्रा के आखिरी दिन उन्होंने ऐलान किया कि वो जल्द ही वोट चोरी का ‘हाइड्रोजन बम’ फोड़ेंगे। इससे पहले उन्होंने बैंगलोर साउथ की महादेवपुरा विधानसभा सीट पर 1 लाख से ज्यादा फर्जी वोटों का दावा कर ‘एटम बम’ फोड़ा था। अब ये नया खुलासा सियासत को और गरमा सकता है।
48 सीटों पर वोट चोरी का दावा
राहुल गांधी और उनकी टीम का कहना है कि देशभर में 48 ऐसी लोकसभा सीटें हैं, जहाँ कांग्रेस की हार कथित वोट चोरी की वजह से हुई। इनमें पीएम मोदी की वाराणसी सीट भी शामिल है। यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने साफ-साफ कहा है कि वाराणसी में वोट चोरी का पर्दाफाश राहुल के एजेंडे में है। कांग्रेस का मानना है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) में गड़बड़ी और अनुचित तरीकों से इन सीटों पर नतीजे प्रभावित किए गए। राहुल लंबे समय से EVM पर सवाल उठाते रहे हैं और अब वो इसके खिलाफ ठोस सबूत जुटाने में जुटे हैं।
हरियाणा में भी होगा धमाका
हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को कई सीटों पर मामूली अंतर से हार का सामना करना पड़ा, जिसे वो अब तक नहीं भूल पाई। सूत्रों के मुताबिक, राहुल की टीम ने हरियाणा के चुनावी नतीजों का गहराई से अध्ययन किया है। 17 सितंबर को हरियाणा में एक बड़ी रैली की तैयारी है, जहाँ राहुल वोट चोरी के सबूत जनता के सामने रख सकते हैं। पिछली बार उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ‘एटम बम’ फोड़ा था, लेकिन इस बार वो सीधे जनता के बीच जाकर ये खुलासे करेंगे। इस रैली से बिहार और हरियाणा में होने वाले आगामी चुनावों में कांग्रेस को नई ताकत मिल सकती है।
सियासत पर क्या होगा असर?
राहुल गांधी का ये आक्रामक रुख विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश का हिस्सा माना जा रहा है। खासकर बिहार जैसे राज्य में, जहाँ जल्द विधानसभा चुनाव होने हैं, ये खुलासे बीजेपी के लिए मुश्किल खड़ी कर सकते हैं। लेकिन सवाल ये है कि क्या राहुल के पास इतने पुख्ता सबूत हैं जो सियासी समीकरण बदल दें? अगर उनके दावे सही साबित हुए, तो ये EVM और चुनावी प्रक्रिया पर नए सिरे से बहस छेड़ सकते हैं। फिलहाल, उनकी टीम पूरे जोर-शोर से इस मिशन में जुटी है।
17 सितंबर को राहुल गांधी का ‘हाइड्रोजन बम’ क्या रंग लाएगा? क्या ये खुलासे सियासत में नया मोड़ लाएँगे? इसका जवाब तो वक्त ही देगा।
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