सिवनी । राष्ट्रबाण
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सिवनी जिले में शिक्षा विभाग की कारगुजारियां किसी से छुपी नहीं हैं, एक ढूंढने जाओगे दस मिलेगी। अपनी शराब पार्टी और परीक्षा में ड्यूटी लगाने के एवज में पैसे लेने के मामले की स्याही अभी सुखी भी नहीं थी BEO शिवराज सिंह कुमरे ने भविष्य वक्ता बनते हुए प्रशिक्षण में अनुपस्थित प्राचार्य एवं प्रभारी प्राचार्यो का भविष्य का वेतन काट लिया जो शिक्षा विभाग के लिए जग हसाई का कारण बना। यहां तक कि शिक्षा विभाग में ही ऐसे बेतुके आदेश को लेकर खूब चटकारे लिए गए।अब ऐसे ही एक नए मामले को लेकर एक बार फिर शिक्षा विभाग की फजीहत हो गई हैं जिसका जबाव देने से स्वयं DEO के.के. पटेल भी बच रहे हैं।
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मामला प्रशिक्षण ड्यूटी और वेतन काटने के आदेश संबंधित हैं। जहां शिक्षा विभाग के BEO शिवराज सिंह कुमरे ने उन लोगो की ड्यूटी लगा दी जो रिटायर्ड हो चुके है। आदेश अनुसार 30 मई 2023 से 2 जून 2023 तक प्रशिक्षण दिया जाना था। उसके लिए शिक्षा विभाग के BEO ने विधिवत आदेश करते हुए प्राचार्य एवं प्रभारी प्राचार्य की ड्यूटी लगाई।
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लेकिन मजे की बात यह हैं कि इस ड्यूटी में पीपरड़ाही स्कूल के सेवानिवृत्त प्राचार्य चेतराम मर्सकोले की ड्यूटी लगाते हुए अनुपस्थित होने पर चार दिन का वेतन भी काट लिया गया। बता दें कि प्राचार्य चेतराम मर्सकोले को विभाग के आदेशानुसार 31 मई 2023 को सेवानिवृत्त किया गया हैं।
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अब सवाल यह उठता हैं कि जब प्राचार्य चेतराम मर्सकोले 31 मई को सेवानिवृत्त किया गया तो उनकी ड्यूटी प्रशिक्षण में किस आधार पर लगाई, उनका वेतन कैसे काटा जाएगा? इन सवालों का जवाब जिला शिक्षा अधिकारी के.के. पटेल भी नहीं दे पा रहे हैं।
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इस संबंध में समाजसेवी शंकर माखीजा कहते है कि शिक्षा विभाग भगवान भरोसे चल रहा हैं। नियमो का उल्लंघन करने वालो के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कि जाती। BEO के मनमानी और लापरवाही के खिलाफ मेरे द्वारा पहले भी शिकायत की गई हैं लेकिन विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई । सीएम हेल्पलाइन पर हुई शिकायतों पर भी विभाग द्वारा झूठा निराकरण दे कर BEO शिवराज को बचाने का प्रयास किया जाता हैं।
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शिक्षा विभाग में ऐसी लापरवाही पर विभाग के मुखिया द्वारा कोई कार्यवाही करना समझ के परे है। फिलहाल सेवानिवृत्त प्राचार्य चेतराम मर्सकोले के वेतन कटौती के आदेश से एक बार फिर शिक्षा विभाग के जिम्मेदारों को मजाक के पात्र बना दिया हैं।