केवलारी, राष्ट्रबाण। मामला सिवनी जिले की बहुचर्चित नगर परिषद केवलारी का हे जहां पर तरह-तरह के विवाद थमने का नाम नहीं ले रहे हैं ! नगर वासियों की माने तो नगर परिषद केवलारी अखंड भ्रष्टाचार में डूबी चुकी है, एक नहीं अपितु नगर परिषद केवलारी के अनेक ऐसे कार्य हैं जो सवालों के घेरे में हैं ! जहां पर स्वयं नगर परिषद के अध्यक्ष महोदया वार्ड नबर 14 से निर्वाचित होकर अध्यक्ष के पद पर आसीन हुई हैं, उसे वार्ड की सीसी सड़क हो या वार्ड नंबर 9 में निर्माण हुई सीसी सड़क हो, निर्माण के चंद महीने नहीं अपितु चंद दिनों बाद ही सड़कों पर गड्ढे दिखाई देना प्रारंभ होने लगे है। अनेक वार्ड में लोग भीषण गर्मी में पेयजल के लिए परेशान हो रहे हैं, तो कुछ वार्ड में दोषित दूषित पेयजल आपूर्ति की खबरें सामने आ रही हैं। नगर परिषद के अध्यक्ष एवं अन्य पार्षदों एवं शासकीय कर्मचारी का आपसी विवाद किसी से छिपा नहीं है। नगर परिषद मुख्यालय में चरमराई हुई यातायात व्यवस्था एवं स्वच्छता की बदहाली किसी से छिपी नहीं है। नगरवाशी आज भी शुद्ध पेयजल, पक्की एवं अच्छी सड़क, साफ नाली, मुख्य चौराहों पर सामुदायिक शौचालय, सुव्यवस्थित शांति धाम, स्नान आदि के लिए घाट निर्माण इत्यादि मूलभूत आवश्यकताओं के लिए तरस रहे हैं, वह नगर परिषद केवलारी की ओर आज भरी निगाहों से देख रहे हैं, किंतु नगर परिषद केवलारी की कार्यप्रणाली से प्रतीत होता है कि नगर वासियों की आस भारी निगाहें पत्थर में तब्दील हो जाएंगी किंतु उनकी आस पूरी नहीं होगी ? आपको बता दें कि नगर परिषद के केवलारी में व्याप्त भ्रष्टाचार एवं लापरवाही को लेकर नगर वासियों द्वारा एक बड़ा आंदोलनकर विभिन्न बिंदुओं में ज्ञापन सोपा गया था, जिसमें अनेक पार्षद भी शामिल थे कार्यवाही ना होता देख पार्षदों का एक दल संयुक्त संचालक नगरिय विकास विभाग जबलपुर से व्यक्तिगत मिलकर उन्हें नगर परिषद केवलारी में व्याप्त भ्रष्टाचार एवं लापरवाही से अवगत कराया था,किंतु आज दिनांक तक उक्त शिकायत में किसी प्रकार की कार्यवाही तो दूर की बात है, जांच तक नहीं की गई है , कार्यालय नगर परिषद केवलारी द्वारा आरटीआई के आवेदनों का जवाब नहीं दिया जा रहा है, आमजनता का जीना दुभर हो गया है, किंतु प्रतित होता है इन सब से बेखबर अपने कर्तव्यों को गठरी बनाकर डस्टबिन में डालकर वरिष्ट एवं जिम्मेदार अधिकारी अपनी कमीशन रूपी लोरी सुनकर कुंभकरणी नींद में सोते दिखाई दे रह हैं ।
क्या है मामला
कार्यालय नगरपरिषद केवलारी में अटल मिशन रेजुवेशन और अर्बन ट्रेंफरमेशन योजना से डेवलपमेंट ऑफ ग्रीन स्पेस एवं केवलारी पार्क के नाम से 13.72 लाख से सिंचाई विभाग केवलारी की भूमि में एक पार्क का निर्माण होना है, जिसका ठेका A.B. कांट्रेक्शन को दिया गया है, किंतु बेहद दिलचस्प बात एवं कार्यालय नगर परिषद केवलारी या ज़िम्मेदार अधिकारी कर्मचारी की खोर लापरवाही सामने आई है की ,पार्क निर्माण के लिए निविदा एवं टेंडर प्रक्रिया होने जानें के बाद, संबंधित कंपनी को निर्माण कार्य का ठेका मिलने के उपरांत एवं कार्यालय नगर परिषद केवलारी की निगरानी में ठेकेदार द्वारा उक्त भूमि में निर्माण कार्य प्रारंभ भी कर दिया गया किन्तु संबंधित सिंचाई विभाग जिसकी भुमि में पार्क का निर्माण होना है अनुमति नहीं लि गई ! न उन्हें इस संबंध मे किसी प्रकार की जानकारी दी गई जो, कार्यालय नगर परिषद केवलारी के जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारियों की अपने कर्तव्यों एवं नियम कानून के प्रति घोर लापरवाही को दर्शाता है ।
बगैर विभागीय अनुमति के कैसे हुआ निर्माण कार्य प्रारंभ !
प्राप्त जानकारी अनुसार निर्माण कार्य प्रारंभ करने से पूर्व सर्वप्रथम स्थल का चयन होता है, उसके बाद नगर परिषद में प्रस्ताव पारित कर उसे स्थान के संबंधित दस्तावेज जैसे नक्शा ,खसरा इत्यादि संलग्न कर वरिष्ठ कार्यालय या अधिकारियों की अनुशंसा पर निविदा एवं टेंडर प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए अब इन परिस्थितियों में सवाल उठता है कि क्या जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारियों को पूर्व में इस विषय का बोध नहीं था कि उक्त भूमि जीस पर पार्क निर्माण किया जाना प्रस्तावित किया गया है, वह सिंचाई विभाग की भूमि है ? और उक्त भूमि में प्रस्ताव पास होने से पूर्व संबंधित विभाग से अनुमति लेना आवश्यक एवं नियम अनुसार होता है ? या फिर कार्यालय नगर परिषद केवलारी द्वारा बगैर प्रस्ताव पास किया पार्क निर्माण की योजना बना ली गई है ? या फिर कार्यालय नगर परिषद केवलारी में बेखौफ होकर नियम कानून को जूते की नोक पर रखकर लापरवाही पूर्वक कार्य किया जाना आम हों गया है ?
यदि सिंचाई विभाग नहीं देता अनुमति !
यदि सिंचाई विभाग उक्त पार्क निर्माण के लिए अनुमति नहीं देता तो इन परिस्थितियों में क्या होगा ? यह अहम सवाल है । यदि सिंचाई विभाग उक्त भूमि में किसी अन्य निर्माण की योजना पर कार्य कर रहा होगा तो
पार्क निर्माण लंबित हो सकता है ! जबकि नगर परिषद केवलारी की निगरानी में ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य प्रारंभ कर कर दिया गया है, फाइल,ड्राइंग, निविदा एवं टेंडर प्रक्रिया एवं निर्माण कार्य में हुए व्यय का क्या होगा ? यह सब समय की गर्त में छिपा है ।
जारी हुआ पत्र रुका निर्माण कार्य
बगैर विभागीय अनुमति पार्क निर्माण की जनकारी लगते ही सिंचाई विभाग द्वारा निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गई एवं प्राप्त जानकारी कार्यालय नगर परिषद केवलारी को एक पत्र जारी कर निर्माण कार्य से संबंधित जानकारी चाही गई है।
अनुमति से संबंधित मेरे संज्ञान में कोई जानकारी नहीं है, और मुझे कोई पत्र भी प्राप्त नहीं हुआ है । मैंने निर्माण कार्य पर रोक लगवाई है, मेरे द्वारा कहा गया है निर्माण कार्य करवाना है तो विधिवत् अनुमति लेवें ।
विनोद उइके, कार्यपालन यंत्री तिलवारा ,बाई तट नहर संभाग केवलारी ।
अनुमति लेने के लिए पत्र आज बना दिया है, और उसे स्वीकृति के लिए भेज रहे हैं ,निर्माण कार्य की स्वीकृति किस समय स्वीकृति नहीं लगी थी, चुकी कलेक्टर साहब से उक्त स्थान की स्वीकृत प्राप्त हुई थी, उसके longitude ,latitude जिला स्तरीय निगरानी समिति में कलेक्टर सहब दे दिया था, मुझे लगा कि शायद पहले से ही इन्होंने सब कुछ स्वीकृत कर लिया होगा , मुझे उक्त भूमि सिंचाई विभाग की होगी यह भी नहीं पता था। इसलिए उसकी प्रक्रिया अभी कर रहे हैं निर्माण का रुकवा दिया है।
शिवा मेहरा उपयंत्री कार्यालय नगर परिषद केवलारी।