Seoni News : पत्थरों से भरकर बना रहे लुडगी  पंचायत में चेकडैम

Rashtrabaan
घोटालो की तस्वीर छपारा जनपद कि खोल रही पोल
Highlights
  • वर्षों से जमे उपयंत्री दे रहे भ्रष्टाचार को बढ़ावा
  • छपारा जनपद का मामला, खुलेआम भ्रष्ट्राचार को दिया जा रहा अंजाम

छपारा, राष्ट्रबाण । जनपद पंचायत छपारा जिला की एकमात्र ऐसी जनपद है जहां ग्राम पंचायतों में पंचायत एजेंसी की आड़ में ठेकेदार निर्माण कार्यों को अंजाम देते हैं ग्राम पंचायतों में हो रहे निर्माण कार्यों जिसमें मनरेगा योजना अंतर्गत बनाए जाने वाले चेकडैम, तलाव एवं ग्रेबल रोड इन कार्यों की गुणवत्ता के विपरीत जाकर उपयंत्री मूल्यांकन करते देखे जा सकते हैं। कार्यों की गुणवत्ता और खर्च का आकलन किया जाए तो यह सामने आएगा कि 15 लाख के चेकडैम महज 5 से 6 लाख की राशि खर्च कर तैयार हो रहे हैं और उपयंत्री घटिया कार्यों के की स्वीकृत राशि के आधार पर पूर्ण मूल्यांकन कर रहे हैं इस तरह निर्माण कार्य कार्यों में होने वाले भ्रष्टाचार में उपयंत्री और पंचायत  सचिव का अहम रोल माना जा सकता है।

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घोटाला ही घोटाला : अफसरों की बंदरबांट से हुआ घटिया काम ।

सचिव, उपयंत्री  की सांठगांठ से ठेकेदार कर रहे घटिया निर्माण कार्य
ग्राम पंचायत लड़की में बन रहे चैकडेम  में घटिया मटेरियल का उपयोग किया जा रहा है चैकडेम 8 से 10 फीट चौड़ाई वाले नाला में मनाया जा रहा है। जहां ठेकेदार ने जेसीबी मशीन से नाला को खोदकर बड़ा दिखाने का प्रयास किया है। चेकडैम की साईड वाल की गहराई मात्र 2 फीट की गई हैं जिसमें घटिया मैटेरियल भरकर काम किया जा रहा है यह सब उपयंत्री और ग्राम पंचायत सचिव प्रकाश भलावी की शह पर ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है लेकिन बड़े फायदा की लालच में निर्माण की गुणवत्ता की अनदेखी करने में उपयंत्री  का सबसे बड़ा योगदान माना जा सकता है।

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पत्थर भरकर बना रहे 15 लाख का चैकडेम
ग्राम पंचायत लुड़गी में बनाए जा रहे चेकडेम निर्माण  में रेत गिट्टी के साथ वोल्डर  पत्थर  का प्रयोग किया जा रहा है। क्योंकि चेकडैम का निर्माण ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है और पंचायत एजेंसी सचिव व उपयंत्री मोटी कमीशन के चलते मूकदर्शक बने हुए हैं। यदि लुडगी  पंचायत में बन रहे हैं चेकडैम की वाल तोड़ कर देखा जाए तो भारी मात्रा में पत्थर बोल्डर मिल सकते हैं इस तरह घटिया मटेरियल का प्रयोग कर शासन की योजना से बनने वाले निर्माण कार्यों मैं सचिव और उपयंत्री पलीता लगा रहे हैं।

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मजदूरी भुगतान के नाम पर होता है बड़ा खेल
मनरेगा योजना अंतर्गत कराए जाने वाले कार्यो जिसमें चेकडैम, पुलिया, तलाव, ग्रेवल रोड में मजदूरों के नाम पर बड़ा भ्रष्टाचार भी किया जाता है। ज्ञात हो कि 15 लाख की लागत से बनाए जाने वाला चेकडैम मात्र तीन से चार लाख का मटेरियल ही खर्च होता है। उसके बाद मजदूरी भुगतान जिसमें ठेकेदार अपने चिर परिचित  स्थाई मजदूरों के नाम पर मजदूरी भुगतान करवा कर राशि आहरण करता है। ग्राम पंचायत में 60:40 का अनुपात अन्य कार्यों से निकाला जाता है यदि चैकडेम  में लगाए गए मजदूरों की हाजरी मास्टर की जांच हो जाए तो पता चलेगा कि चैकडेम निर्माण में लगे ठेकेदार के स्थाई  मजदूरों के नाम पर लाखों रुपए का भुगतान किया गया है। यह एक पंचायत में नहीं होता सभी पंचायतों में लगभग सीमित निर्धारित मजदूरों के नाम पर भुगतान  होता है इस तरह मजदूरी भुगतान पर भी ठेकेदार द्वारा बड़ा भ्रष्टाचार किया जाता है।

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अधिकारियो ने किया बंदरबांट

एक ही स्थान पर वर्षों से सेवा दे रहे  उपयंत्री
जनपद पंचायत छपारा में सेवा दे रहे उपयंत्री  करीब 8 से 10 वर्षों से अधिक समय से कार्यरत हैं इन उपयंत्रीयो का ठेकेदार से मेलजोल का संबंध स्थापित हो चुका है। छपारा जनपद के सरकारी उपयंत्री ठेकेदारों के ऑफिस में बैठकर निर्माण कार्यों का मूल्यांकन तैयार करते व एमबी बनाते भी देखे जा सकते  हैं जैसा ठेकेदार चाहता है वैसा कार्यों का मूल्यांकन होता है जिसके एवज में उपयंत्री  को निर्धारित कमीशन दिया जाता है।

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कमीशन के आधार पर तैयार होते कार्य  के मानक
ग्राम पंचायत में कराए जाने वाले कार्यों में उन्हीं कार्यों को प्राथमिकता दी जाती है। जिसमें  बड़ा भ्रष्टाचार किया जा सके क्योंकि घटिया कार्यों में सब को निर्धारित प्रतिशत के आधार पर कमीशन फिक्स  रहता है और उसी आधार पर पंचायत एजेंसी सरपंच सचिव कार्य का प्रस्ताव स्वीकृति  देते हैं। फिर एसडीओ जिलाई  तकनीकी स्वीकृति जारी करते हैं उपयंत्री भी कमिशन के आधार पर मूल्यांकन करता है। जब उपयंत्री  को निर्धारित कमीशन प्राप्त होता है तो घटिया कार्य का शत-प्रतिशत मूल्याकंन किया जाता है। अंत में कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र के लिए एसडीओ की कलम चलती है इस तरह घटिया निर्माण कार्य को हर स्तर पर सही बताने के लिए लाखों रुपए की बंदरबांट की जाती है।

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भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व में हो चुकी है सचिव प्रकाश  पर कार्यवाही
ग्राम पंचायत लुडगी  में पदस्थ सचिव प्रकाश भलावी पूरे जनपद में चर्चित व्यक्ति हैं जिस पर पूर्व में भी भ्रष्टाचार के मामले में जिला और जनपद के अधिकारियों द्वारा निलंबन की कार्यवाही की जा चुकी है। उसके बाद भी सचिव ने अपनी आदतों पर सुधार ना लाते हुए पंचायत में घटिया निर्माण कार्य को अंजाम दिया जा रहा है। यदि  लुडगी के स्टापडेमों  निर्माण कार्यों की जांच जिला स्तर की तकनीकी टीम द्वारा कराई जाती है, तो एक बड़ा भ्रष्टाचार सामने आ सकता है। लुडगी  पंचायत के ग्राम वासियों ने ग्राम में हो रहे  निर्माण कार्य  की जांच किए जाने की मांग की है अब देखना यह है घटिया चेक डैम निर्माण पर जिला स्तर पर बैठे अधिकारी किस स्तर की जांच करते हैं।

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