सिवनी, राष्ट्रबाण। सिवनी शहर और आसपास के ग्रामीण इलाकों में यातायात नियमों की जमकर अनदेखी हो रही है। ऑटो, पिकअप और कमांडर जीप चालक क्षमता से अधिक सवारी बैठाकर सड़क पर दौड़ा रहे हैं। इन वाहनों की बढ़ती संख्या और लापरवाह ड्राइविंग न केवल ट्रैफिक जाम का कारण बन रही है, बल्कि गंभीर दुर्घटनाओं का खतरा भी लगातार बढ़ा रही है।
शहर के मुख्य मार्गों पर दिनभर जाम की स्थिति बनी रहती है। वाहन चालक बिना किसी संकेत के अचानक ब्रेक लगा देते हैं या फिर बिना हॉर्न दिए मोड़ काट लेते हैं। इससे आए दिन सड़क हादसे होते हैं। हाल ही में एक ऑटो के पलटने से एक मासूम बच्चे की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोग घायल हुए। यह हादसा प्रशासन और पुलिस की कार्रवाई की वास्तविक स्थिति पर सवाल खड़े करता है।
ग्रामीण इलाकों में और भी बदतर हालात
ग्रामीण क्षेत्रों में यातायात नियमों की धज्जियां और भी ज्यादा उड़ाई जा रही हैं। छोटे वाहनों में ठसाठस सवारियां भर दी जाती हैं। कई बार पिकअप व ऑटो में इतने लोग बैठा लिए जाते हैं कि वाहन संतुलन खो देता है। ऐसे हालातों में हादसा होना लगभग तय माना जाता है। स्थानीय निवासी विशाल कश्यप, राकेश साहू और शाहिद खान ने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि जब तक नियमों का कड़ाई से पालन नहीं कराया जाएगा, तब तक लोगों की जान पर खतरा बना रहेगा।
तीन गुना बढ़ी कार्रवाई
यातायात थाना प्रभारी विजय बघेल ने बताया कि नियम तोड़ने वालों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। पिछले साल केवल 54 यात्री वाहनों पर कार्रवाई की गई थी, लेकिन इस साल यह संख्या बढ़कर 151 हो गई है। इनमें 50 से ज्यादा ऑटो शामिल हैं। थाना प्रभारी के अनुसार, यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। उन्होंने लोगों से भी अपील की कि वे अपनी और दूसरों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए क्षमता से अधिक सवारी न बैठाएं।
प्रशासन की चुनौती
यातायात विभाग के सामने सबसे बड़ी चुनौती शहर में तेजी से बढ़ रहे ऑटो और अन्य छोटे वाहनों की है। इन वाहनों की संख्या इतनी अधिक हो गई है कि मुख्य मार्गों पर हर वक्त अव्यवस्था बनी रहती है। वहीं, चालकों में नियमों का पालन करने की जागरूकता भी नहीं है। कई बार यात्री भी जल्दी पहुंचने के चक्कर में अधिक सवारी वाले वाहनों में बैठ जाते हैं, जिससे चालक नियम तोड़ने से पीछे नहीं हटते। शहर और गांवों में जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है ताकि लोग यातायात नियमों का पालन करें और दुर्घटनाओं से बचा जा सके।
Read Also : उमंग सिंहार के ‘आदिवासी हूँ, हिंदू नहीं’ बयान पर बवाल, सीएम मोहन यादव बोले- ‘कांग्रेस की सोच शर्मनाक’

