ट्रंप के बदले तेवर पर शशि थरूर का करारा जवाब, इतनी जल्दी नहीं भूल सकते

Rahul Maurya

नई दिल्ली, राष्ट्रबाण: भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ विवाद ने दोनों देशों के रिश्तों में तनाव ला दिया है। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘खास दोस्त’ बताकर रिश्तों को सुधारने की कोशिश की, लेकिन कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इस पर कड़ा पलटवार किया है। थरूर ने कहा कि भारत के लोग ट्रंप की टैरिफ नीतियों और अपमानजनक रवैये को इतनी जल्दी नहीं भूल सकते। इस मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी मोदी सरकार पर निशाना साधा है।

थरूर का बयान

शशि थरूर ने ट्रंप के नए तेवर का सावधानी से स्वागत तो किया, लेकिन साथ ही चेतावनी दी कि भारत के लोग हाल के अनुभवों को आसानी से भूल नहीं सकते। उन्होंने कहा, “ट्रंप की नई टैरिफ नीतियों के कारण भारत को भारी नुकसान हुआ है। 50 प्रतिशत टैरिफ का असर भारतीय व्यापारियों और आम लोगों पर पड़ रहा है। हम इस अपमान और आर्थिक नुकसान को इतनी जल्दी माफ नहीं कर सकते। दोनों देशों को रिश्ते सुधारने के लिए गंभीर प्रयास करने होंगे।” थरूर ने यह भी कहा कि भारत-अमेरिका की वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

भारत-अमेरिका टैरिफ विवाद

अमेरिका ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, जिसमें 25 प्रतिशत रूस से सस्ते तेल की खरीद के कारण जोड़ा गया। इस नीति ने भारत के निर्यात को प्रभावित किया है और दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों में खटास ला दी है। ट्रंप ने हाल ही में पीएम मोदी की तारीफ की और उन्हें दोस्त बताया, जिसका जवाब मोदी ने भी सकारात्मक ढंग से दिया। लेकिन थरूर का कहना है कि सिर्फ शब्दों से रिश्ते सुधरना मुश्किल है, जब तक जमीन पर कोई ठोस बदलाव न दिखे।

खरगे का हमला

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी इस मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा, “ट्रंप और मोदी भले ही एक-दूसरे के लिए अच्छे दोस्त हों, लेकिन यह दोस्ती भारत के हितों की कीमत पर है।” खरगे ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार की नीतियां देश के आर्थिक हितों को नुकसान पहुंचा रही हैं। उन्होंने कहा कि ट्रंप की टैरिफ नीतियों का जवाब देने में सरकार नाकाम रही है, जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।

यह विवाद भारत-अमेरिका रिश्तों के लिए एक अहम मोड़ है। थरूर और खरगे जैसे नेताओं के बयान बताते हैं कि ट्रंप की टैरिफ नीतियों का असर न केवल व्यापार, बल्कि राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर भी चर्चा का विषय बन गया है। दोनों देशों को बातचीत के जरिए इस तनाव को कम करने की जरूरत है।

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