मुरादाबाद, राष्ट्रबाण: समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में हाल की प्राकृतिक आपदाओं को धार्मिक स्थलों पर बुल्डोजर कार्रवाई से जोड़कर नया विवाद खड़ा कर दिया है। हसन ने कहा कि इन राज्यों में दूसरे धर्मों का सम्मान नहीं हो रहा और धार्मिक स्थलों पर बुल्डोजर चलाना गलत है। उन्होंने आपदा को ‘ईश्वरीय इंसाफ’ का परिणाम बताया, जिससे कोई बच नहीं सकता।
इस बयान ने सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में तीखी प्रतिक्रियाएँ बटोरी हैं। कई लोग इसे प्राकृतिक आपदा जैसे संवेदनशील मुद्दे पर गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी मान रहे हैं। बीजेपी ने हसन के बयान को ‘जख्मों पर नमक छिड़कने’ वाला बताया और समाजवादी पार्टी पर ऐसे नेताओं को प्रोत्साहित करने का आरोप लगाया।
बीजेपी का पलटवार, हसन पर हमला
बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने हसन के बयान की कड़ी निंदा की। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि प्राकृतिक आपदाएँ मानवता के लिए दुखद हैं, और इन्हें मजहबी रंग देना शर्मनाक है। त्रिपाठी ने कहा कि समाजवादी पार्टी को हसन जैसे नेताओं पर कार्रवाई करनी चाहिए। हसन इससे पहले भी बुल्डोजर कार्रवाई के खिलाफ बोल चुके हैं।
सितंबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट के बुल्डोजर पर रोक के फैसले का स्वागत करते हुए उन्होंने दावा किया था कि यह कार्रवाई मुख्य रूप से मुस्लिम समुदाय के खिलाफ थी। उनके ताजा बयान पर अभी तक कोई आधिकारिक शिकायत दर्ज नहीं हुई है, लेकिन विवाद बढ़ता जा रहा है।
उत्तरकाशी में आपदा ने मचाई तबाही
उत्तरकाशी के धराली गांव में 5 अगस्त को बादल फटने से भारी तबाही मची। खीरगंगा और आसपास के इलाकों में बाढ़ और मलबे ने घर, होटल, और बस्तियाँ तबाह कर दीं। अब तक पाँच लोगों की मौत हो चुकी है, और 50 से ज्यादा लोग लापता हैं।
भारतीय सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, और आईटीबीपी की टीमें दिन-रात राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। इस आपदा ने स्थानीय लोगों को गहरे सदमे में डाल दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे समय में आपदा को धार्मिक मुद्दों से जोड़ना गलत है और इससे राहत कार्यों पर ध्यान भटक सकता है।
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