ठेका कंपनी की मनमानी, खस्ता हाल सड़क और बेहाल जनता; माननीय और जिम्मेदारों की आँखों से पर्दा कब हटेगा?

जिले में हो रहे निर्माण कार्य विकास की इबारत और आम जनता की सुविधा की वजह बनते है। लेकिन सिवनी जिले में हो रहे निर्माण कार्य आम जनता की असुविधा और परेशानी का सबब बने है तो इनमे भ्रष्टाचार की बू आ रही है। निर्माण स्थल पर निर्माण कार्य की योजना नाम से भी आम जनता अनजान है। हैरान करने वाली बात यह है की यह योजना की अनुमानित लागत क्या है? यह किस योजना के तहत या प्रोजेक्ट नाम क्या है और कितने समय में यह कार्य पूरा किया जाना है इसकी जानकारी ही जनता को नहीं है। कार्य स्थल पर दिखाई दे रहा है तो सिर्फ अनियमितता और बदहाली!

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सिवनी, राष्ट्रबाण। सिवनी नगर के छिन्दवाड़ा चौंक से नागपुर रोड़ की और रेलवे क्रॉसिंग में बन रहा ब्रिज आम जनता के लिए सुविधा कम परेशानी का सबब ज्यादा बन गया है। यहां ठेकेदार की मनमानी स्पष्ट दिखाई दे रही है। गर्मी के मौषम में जहां आम जनता को धूल से परेशानी का सामना करना पद रहा था तो अब बारिश में आम जनता कीचड़ से आवागमन करने को मजबूर है। अब तो आम जनता इस निर्माण कार्य को विकास कम अपनी परेशानी का कारण ज्यादा मानने लगी है।

जिले के कर्णधार : कभी जनता की परेशानी की सुध ले लो साहब।

जनता को परेशानी न हो उसके लिए शासन द्वारा निर्माण कार्य के टेंडर में वैकल्पिक मार्ग (डायवर्सन) की लागत जोड़कर इसका ठेका निर्माण करने वाली कंपनी को दिया जाता है। लेकिन जिले का दुर्भाग्य ही कहेंगे की सिवनी नगर में बन रहे इस ब्रिज में ठेकेदार द्वारा कोई डायवर्सन दिए बगैर ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है। ग्रीष्म काल में आम जनता उड़ते धूल के गुब्बार से परेशान रही। सड़क पर पानी सिंचने के लिए जिम्मेदार ठेकेदार को कोई आदेशित नहीं कर सका आम जनता धूल और डस्ट से बिमारी के खतरे के बीच जूझता रहा लेकिन न हमारे माननीयों ने इसकी सुध ली और न इसकी सुध लेने की जरुरत जिले की सुप्रीमो कलेक्टर ने समझी।

अब बारिश की शुरुवात होते ही आम जनता के सामने यह विकास बनाम विनाश कार्य कीचड़ की परेशानी लेकर सामने आया है। इस मार्ग में चल रहा नागरिक को यह पता नहीं होता की वह इस रस्ते में चलते हुए कब और किस गड्ढे में समा जाये और वह कीचड़ से रंग जाये। इस मार्ग से हमारे जिले के बड़बोले कर्णधार माननीय भी गुजरते है। लेकिन वह अपनी लग्जरी गाड़ी के कांच चढ़ा कर सुविधायुक्त सफर कर लेते है। उनकी चार पहिया वाहन की रफ़्तार से किसी आम जनता के ऊपर कीचड़ उछले उससे इन्हे कोई फर्क नहीं पड़ता। तो यही हाल जिले में बैठे जिम्मेदार अफसरों का भी है। आम जनता की दुर्दशा से इन्हे कोई लेना देना नहीं है।

कहां गई डायवर्सन की राशि

जानकार बताते है की किसी मार्ग को अगर बंद किया जाता है तो आम जनता के आवागमन के लिए एक वैकल्पिक मार्ग का निर्माण कराया जाता है। यह वैकल्पिक मार्ग (डायवर्सन) की राशि टेंडर में शामिल होती है। ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य शुरू करने के साथ ही यह डायवर्सन बना कर आम जनता के आवागमन को सुचारु रूप से चालू रखता है। लेकिन सिवनी की जनता के ऐसे नसीब कहां की ठेका कंपनी उन्हें इतनी सुविधा दे। ब्रिज निर्माण कर रही रायसिंग एंड कंपनी के द्वारा यह डायवर्सन आज दिनांक तक नहीं बनाया गया, जिसका खामियाजा आम जनता ने गर्मी में धूल के रूप में तो बारिश में कीचड़ के रूप झेल रही है और हमारे माननीय सांसद, विधायक व जिम्मेदार अधिकारी आंखो में पट्टी बांधकर धृतराष्ट बने हुए है। कोई भी ठेका कंपनी से डायवर्सन नहीं बनवाने की वजह पूछने की हिम्मत नहीं जुटा प् रहा है। क्या कोई यह हिम्मत दिखायेगा और ठेका कंपनी से पूछेगा की आखिर कहा गई डायवर्सन बनाने की राशि?

बदहाल व्यवस्था : सडको में पसरा कीचड़, आम जनता के लिए बना परेशानी की वजह।

माननीय से लेकर वीआईपी भी गुजरते है इस रास्ते से

ब्रिज निर्माण से रास्ते की हालत बद से भी बदत्तर हो गई हैं। इस मार्ग से सिवनी के लोकप्रिय विधायक दिनेश राय (Dinesh Rai) मुनमुन भी गुजरते है तो जिले के बड़े अफसर भी यहां से कभी आना जाना करते है। किन्तु इस मार्ग में निर्माण कार्य में ठेका कंपनी की मनमानी पर किसी की नजर नहीं पड़ती। आम जनता कीचड़ से चलने को मजबूर है। लेकिन आम जनता की परेशानियों से इन्हे क्या, यह तो सरकार के विकास पर चर्चा और उसके राग अलापते हुए अपनी विकास गाथा गा रहे है।

विपक्ष भी मौन

चुनाव के समय सरकार और लोकल विधायक की कमियां गिनाने वाला विपक्ष भी आम जनता के इस दर्द से बेखबर है। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी हो या नागरिक मोर्चा सब की सब जनता की परेशानी से दूर है। चुनाव के समय छोटी-छोटी बातो पर आम जनता के साथ उसकी लड़ाई को अपनी लड़ाई बताने वाले तीरंदाज नेता बदहाल सड़क और ठेकेदार की मनमानी पर मौन साधना में लीन हैं।

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