चेन्नई, राष्ट्रबाण। सनातन के विरोध में बयानबाजी करने वाले उधयनिधि स्टालिन के पिता एवं डीएमके नेता को भाजपा का डर सता रहा है। दरअसल अपने बयान के बाद समस्याओं में घिरे स्टालिन अब अपने कार्यकर्ताओं को सावधानी रखने की हिदायद दे रहे हैं। गौरतलब है कि सनातन के विरद्ध बयान देने के बाद भाजपा जमकर हमला बोल रही है। जबकि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने INDIA गठबंधन को निशाने पर लेते हुए कहा कि ये लोग सनातन को खत्म करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मुंबई की बैठक में संकल्प लिया गया है। ये लोग सनातन को खत्म करके देश को फिर से गुलामी के दौर में ले जाना चाहते हैं। ऐसे में चारों ओर से घिरते नजर आ रहे एमके स्टालिन ने अब अपने कार्यकर्ताओं को सनातन विवाद से दूरी बनाने की बात कही है। स्टालिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा इस बयान को लेकर हथकंडे अपना रही है। ऐसे में पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को सतर्क रहना है और इससे दूरी बनाकर रखनी है।
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स्टालिन ने आखिर क्या कहा..
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स्टालिन ने कहा, प्रधानमंत्री आम आदमी के मुद्दों पर चुप रहते हैं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की कैबिनट झूठ फैलाकर सनातन धर्म विवाद को तूल दे रही है। वहीं कुछ मीडियावाले उनका साथ दे रहे हैं। उन्होंने कहा, मैं डीएमके के नेताओं और कार्यकर्ताओं से कहना चाहता हूं कि वे इन हथकंडों से बचकर रहें। उन्होंने कहा कि मणिपुर को लेकर प्रधानमंत्री नहीं बोल रहे हैं। यह भाजपा की 9 साल की सरकार की विफलता है।
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सनातन को कहा था डेंगू और मलेरिया..
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बता दें कि राज्य में खेल मंत्री और उनके बेटे उदयनिधि स्टालिन ने कहा था कि मच्छर, डेंगू और मलेरिया की तरह सनातन धर्म को खत्म कर देना जरूरी है। इसके बाद भाजपा ने पूरे विपक्षी गठबंधन को हिंदुत्व के खिलाफ बता दिया। यह देखकर कांग्रेस, टीएमसी और शिवसेना आत्मरक्षा में लग गए। कई बड़े नेताओं ने भी सलाह दी कि सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए। बाद में डीएमके सांसद ए राजा और शिक्षा मंत्री के पोनमुदी के बयान से और मामला बिगड़ गया। ए राजा ने सनातन को कुष्ठ रोग कहा तो वहीं के पोनमुदी ने कहा कि इंडिया गठबंधन भी सनातन का विरोध करेगा।