यूपी पंचायत चुनाव: गोरखपुर में 5.16 लाख वोटर EC के रडार पर, डुप्लीकेट नाम होंगे डिलीट

Rahul Maurya

    गोरखपुर, राष्ट्रबाण: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से पहले मतदाता सूची को दुरुस्त करने की कवायद शुरू हो गई है। राज्य निर्वाचन आयोग ने सॉफ्टवेयर के जरिए 5.16 लाख संभावित डुप्लीकेट वोटरों की पहचान की है। इनमें ऐसे लोग शामिल हैं, जिन्होंने एक से ज्यादा ग्राम पंचायतों या वार्डों में वोटर के तौर पर नाम दर्ज कराया है। अब सत्यापन के बाद डुप्लीकेट नाम हटाए जाएंगे, ताकि चुनावी प्रक्रिया पारदर्शी रहे। इस बार पहली बार आधार कार्ड के अंतिम चार अंकों का इस्तेमाल भी किया जा रहा है।

    डुप्लीकेट वोटरों पर सख्ती

    जिला सहायक निर्वाचन अधिकारी जेएन मौर्य ने बताया कि गोरखपुर में कुल 29.5 लाख वोटर हैं, जिनमें से 5.16 लाख संभावित डुप्लीकेट वोटर चिह्नित किए गए हैं। ये वे लोग हैं, जिन्होंने अपने पसंदीदा उम्मीदवारों को वोट देने के लिए कई जगहों पर नाम दर्ज कराए। सत्यापन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जिसमें नाम, पिता का नाम, उम्र और लिंग के आधार पर डुप्लीकेट नाम हटाए जाएंगे। हर वोटर का नाम अब केवल उसी ग्राम पंचायत में रहेगा, जहां वे रहते हैं।

    आधार कार्ड से पकड़ी जाएगी गड़बड़ी

    चुनाव आयोग ने इस बार डुप्लीकेट वोटरों को पकड़ने के लिए नया तरीका अपनाया है। वोटर लिस्ट में नाम जोड़ते समय आधार कार्ड के अंतिम चार अंकों को दर्ज किया जा रहा है। अगर कोई आधार नंबर दो बार दिखाई देता है, तो डुप्लीकेट वोटर का नाम तुरंत सामने आ जाएगा। यह कदम पंचायत चुनाव को और अधिक निष्पक्ष बनाने के लिए उठाया गया है। गोरखपुर में सत्यापन का काम तेजी से चल रहा है, और जल्द ही अंतिम मतदाता सूची जारी होगी।

    पहले भी सामने आई थीं गड़बड़ियां

    हाल ही में यूपी के पंचायत चुनाव मतदाता पुनरीक्षण अभियान में कई चौंकाने वाले मामले सामने आए। मसलन, एक ही घर में 4,271 वोटर दर्ज होने की खबर ने हड़कंप मचा दिया था। ऐसे में गोरखपुर में 5.16 लाख संभावित डुप्लीकेट वोटरों की पहचान ने प्रशासन को और सतर्क कर दिया है। निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों को साफ निर्देश दिए हैं कि मतदाता सूची को पूरी तरह शुद्ध किया जाए।

    पारदर्शी चुनाव का लक्ष्य

    गोरखपुर में डुप्लीकेट वोटरों को हटाने की यह प्रक्रिया पंचायत चुनाव को पारदर्शी और विश्वसनीय बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। स्थानीय लोग और राजनीतिक दल भी इस प्रक्रिया का स्वागत कर रहे हैं। सत्यापन के बाद मतदाता सूची को अंतिम रूप दे दिया जाएगा, ताकि कोई भी गलत तरीके से वोट न डाल सके।

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