न्यायालय के आदेश की अव्हेलना : न्यायालय के आदेश के बाद भी नहीं हुई जांच; महीने बीते कार्यवाही अधूरी

Rashtrabaan

बालाघाट, राष्ट्रबाण। वारासिवनी पुलिस की भ्रष्ट कार्यप्रणाली किसी से छुपी नहीं है। अपने भ्रष्ट कारनामों को लेकर वारासिवनी पुलिस हमेशा सुर्खियों पर रहती है। अब एक बार फिर न्यायालय द्वारा वारासिवनी पुलिस के तीन पुलिस अधिकारी पर जांच कर कार्यवाही के आदेश ने वारासिवनी पुलिस की कार्यप्रणाली को कठघरे पर खड़ा कर दिया है।

- Advertisement -

बता दें की परिवादी विनोद सचदेव ने वारासिवनी पुलिस पर अपने दायित्व का सही निर्वाहन न करने और माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन नहीं करने पर वारासिवनी न्यायालय में परिवाद पेश किया, जिस पर सुनवाई करते हुए वारासिवनी न्यायालय ने आवेदन पर वारासिवनी थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी शंकर सिंह चौहान, तत्कालीन विवेचक रणजीतसिंह रघुवंशी और ASI राजेश सनोड़िया को स्पष्टीकरण नोटिस जारी कर समय अवधि में स्पष्टीकरण जमा करने के आदेश दिए। न्यायालय के आदेश के बाद भी थाना प्रभारी शंकर सिंह चौहान, तत्कालीन विवेचक रणजीतसिंह रघुवंशी द्वारा न्यायालय के आदेश का पालन नहीं किया और कोर्ट के समक्ष कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया तो वही राजेश सनोड़िया द्वारा नोटिस का संतोषजनक जवाब नहीं दिया जाना पाया गया।

- Advertisement -
राजेश सनोड़िया, ASI और शंकर सिंह चौहान, तत्कालीन थाना प्रभारी : न्यायालय के आदेश के बाद भी नहीं हुई कार्यवाही।

उक्त आवेदन पर वारासिवनी न्यायालय द्वारा कार्यवाही करते हुए पुलिस अधीक्षक बालाघाट को वारासिवनी थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी शंकर सिंह चौहान, तत्कालीन विवेचक रणजीतसिंह रघुवंशी और ASI राजेश सनोड़िया पर जांच कर कार्यवाही के आदेश दिनांक 13 नवंबर 2024 को दिए। आश्चर्य की बात यह है की महीने बीत जाने के बाद अब तक माननीय न्यायालय के आदेश का पालन नहीं हुआ है। अब सवाल यह उठता है की जब पुलिस विभाग न्यायालय के आदेश पर इतनी सुस्ती दिखा रही है तो आम जनता की शिकायतों का क्या हाल होगा इसका अंदाजा आप स्वयं लगा सकते है।

क्या था मामला

वारासिवनी में सिन्धी समाज कल्याण समिति द्वारा एक कार्यक्रम में लंगर (खाने) का कार्यक्रम भी रखा गया था। लंगर कार्यक्रम में खाने में जहरीले प्रदार्थ मिलाने की घटना सामने आई। किंतु इस घटना को अंजाम देने वाले आरोपी पर समिति द्वारा अभयदान देते हुए मामला दबाने का प्रयास किया गया। इसके पश्चात् विनोद सचदेव द्वारा वारासिवनी पुलिस पर शिकायत की गई लेकिन वारासिवनी पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की जिसके पश्चात् आवेदक विनोद सचदेव ने न्यायालय की शरण ली, न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद सिन्धी समाज कल्याण समिति के अध्यक्ष लखीराम रामचनदानी व अन्य 9 के विरुद्ध धारा 406, 417, 418 ,420 के तहत पुलिस थाना वारासिवनी में मामला पंजीबद्ध किया गया था। इस मामले पर न्यायालय ने तत्कालीन थाना प्रभारी शंकर सिंह चौहान, तत्कालीन विवेचक रणजीतसिंह रघुवंशी और राजेश सनोड़िया तीनों को सुप्रीम कोर्ट के द्वारा अशफाक आलम केस डायरेक्शन का पालन नहीं किए जाने पर यह कार्यवाही की गई है।

- Advertisement -
error: Content is protected !!