सुकमा, राष्ट्रबाण: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सुरक्षाबलों की लगातार कार्रवाई और सरकार की पुनर्वास नीति का बड़ा असर देखने को मिला है। 3 सितंबर 2025 को 20 नक्सलियों ने हथियार डालकर आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें 11 नक्सलियों पर कुल 33 लाख रुपये का इनाम था। सरेंडर करने वालों में 9 महिलाएँ भी शामिल हैं, जिनमें एक हार्डकोर नक्सली है, जो माओवादियों की पीपुल्स लिबरेशन गोरिल्ला आर्मी (PLGA) बटालियन नंबर-1 की सदस्य थी। ये आत्मसमर्पण सुकमा के पुलिस अधीक्षक (SP) किरण चव्हाण और CRPF अधिकारियों के सामने हुआ।
इनामी नक्सलियों का सरेंडर
सुकमा पुलिस के मुताबिक, सरेंडर करने वाले नक्सलियों में एक प्रमुख नक्सली मुचाकी हिदमा (54) शामिल है, जो क्षेत्र समिति का सदस्य था और जिस पर 5 लाख रुपये का इनाम था। इसके अलावा, चार नक्सलियों पर 4-4 लाख और चार अन्य पर 1-1 लाख रुपये का इनाम था। ये नक्सली कई हमलों में शामिल थे और लंबे समय से सुकमा के जंगलों में सक्रिय थे। SP किरण चव्हाण ने बताया कि नक्सलियों ने माओवादी विचारधारा से निराशा, आदिवासियों पर अत्याचार, और संगठन में आंतरिक मतभेदों के चलते हथियार डाले।
‘नियद नेल्लानार’ योजना की भूमिका
नक्सलियों के सरेंडर में छत्तीसगढ़ सरकार की ‘नियद नेल्लानार’ (आपका अच्छा गाँव) योजना और नई पुनर्वास नीति ने अहम भूमिका निभाई। इस योजना के तहत दूरदराज के गाँवों में विकास कार्यों को बढ़ावा दिया जा रहा है। नक्सलियों ने बताया कि वो इस योजना से प्रभावित हुए, जिसके तहत गाँवों में बुनियादी सुविधाएँ और रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं। सरेंडर करने वाले प्रत्येक नक्सली को 50,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई है, साथ ही उन्हें सरकार की पुनर्वास नीति के तहत शिक्षा, रोजगार, और आत्मनिर्भर जीवन की सुविधाएँ मिलेंगी।
सुरक्षाबलों की रणनीति कामयाब
सुकमा में सुरक्षाबलों की सख्ती और रणनीति ने नक्सलियों को हथियार डालने पर मजबूर किया है। CRPF, कोबरा बटालियन, और जिला पुलिस ने मिलकर नक्सलियों के खिलाफ लगातार ऑपरेशन चलाए हैं। SP किरण चव्हाण ने अन्य नक्सलियों से भी हिंसा छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने की अपील की है। उन्होंने कहा, “हथियार छोड़िए और समाज व परिवार की खुशी को गले लगाइए। आपका ये कदम आने वाली पीढ़ियों के लिए नया रास्ता बनाएगा।”
बस्तर में नक्सलवाद पर काबू
सुकमा में ये सरेंडर बस्तर क्षेत्र में नक्सलवाद के खिलाफ बड़ी कामयाबी है। पिछले साल 2024 में बस्तर के सात जिलों में 792 नक्सलियों ने हथियार डाले थे। इस साल भी सुरक्षाबलों की कार्रवाई और सरकार की योजनाओं ने नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने में मदद की है। गृह मंत्री अमित शाह ने भी मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म करने का लक्ष्य रखा है, और सुकमा का ये सरेंडर उस दिशा में एक बड़ा कदम है।
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