स्वच्छ भारत अभियान की अनदेखी में उलझी नगर पालिका प्रशासन; भ्रष्टाचार के साथ-साथ कर्तव्यों से भी मुँह मोड़ रहा नगर पालिका प्रशासन

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  • 260 सफाई कर्मचारियों की तैनाती के बावजूद चरमराई सफाई व्यवस्था

सिवनी, राष्ट्रबाण। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देशभर में शुरू किए गए स्वच्छ भारत अभियान की धज्जियां नगर पालिका सिवनी द्वारा उड़ाई जा रही हैं। शहर में गंदगी का आलम दिन-प्रतिदिन भयावह होता जा रहा है, लेकिन नगर पालिका के अध्यक्ष, पार्षद और अधिकारी आपसी खींचतान में व्यस्त हैं। नतीजा यह है कि शहर के मोहल्लों, बाजारों और सार्वजनिक स्थलों पर गंदगी के ढेर आम बात हो गई है।

नगर पालिका में इस समय करीब 260 सफाई कर्मचारी तैनात हैं, जिनमें 35 स्थायी और बाकी दैनिक वेतनभोगी हैं। तय शिफ्टों में सुबह 6 से 10 बजे और दोपहर 2 से शाम 6 बजे तक कार्य किया जाता है, लेकिन इसके बावजूद सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है।

शहर की सुंदरता का गृहण : शहर की सड़को पर पड़ा मलवा।

स्थानीय लोगों की शिकायत है कि सुबह की शिफ्ट में जमा कूड़ा डंप यार्ड तक ले जाने के बजाय सड़क किनारे ही फेंक दिया जाता है, जिसे दूसरी शिफ्ट के कर्मचारी भी उठाने की जहमत नहीं उठाते। परिणामस्वरूप शहर के कई हिस्सों, विशेषकर प्राइवेट बस स्टैंड कॉम्प्लेक्स के पीछे, में कूड़े के ढेर सड़ांध मारते हुए दिखते हैं। कई बार स्थानीय व्यापारी इन कूड़े के ढेरों को वहीं पर जलाने को मजबूर हो जाते हैं, जिससे प्रदूषण और बढ़ता है।

शहरवासियों का कहना है कि नगर पालिका द्वारा कचरे के जैविक-अजैविक निस्तारण को लेकर कोई ठोस जागरूकता अभियान नहीं चलाया जा रहा। जब कभी शासन स्तर पर पखवाड़े के रूप में स्वच्छता अभियान चलता है, तो सिर्फ फोटो खिंचवाने की रस्म अदा की जाती है। धरातल पर हालात जस के तस बने रहते हैं।

नगर पालिका की यह निष्क्रियता न केवल प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना का अपमान है, बल्कि आमजन के स्वास्थ्य और जीवन स्तर के साथ भी खिलवाड़ है। अगर जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो हालात और भी बिगड़ सकते हैं।

जिम्मेदारी से भाग रहे जिम्मेदार

स्वच्छ भारत अभियान में सिवनी लगातार पिछड़ रहा है। लाखो खर्च के बाद भी सिवनी स्वच्छ भारत अभियान सर्वेक्षण में निचे की और जा रहा है। जब इस संबंध में राष्ट्रबाण ने जिले की सांसद भारती पारधी से संपर्क कर उनकी प्रतिक्रिया जाननी चाही तो वह फोन न उठाकर अपनी जिम्मेदारी से बचती नजर आई। तो यही हाल सिवनी विधायक दिनेश राय मुनमुन के रहे। आश्चर्य की बात तो यह है की विभाग के मुखिया विशाल मर्सकोले भी अपनी जिम्मेदारी से भागते नजर आये।

अध्यक्ष बोले कर्मचारियों की कमी

स्वच्छ भारत अभियान सर्वेक्षण में फिसड्डी रहे सिवनी की सफाई व्यवस्था दयनीय है। इस संबंध में नगर पालिका अध्यक्ष ज्ञानचंद सनोडिया कहते है की कर्मचारियों की कमी स्वच्छ भारत अभियान को असफल कर रही है। अगली बैठक में यह बात रखी जाएगी, यह भी सत्य है की कुछ कर्मचारी अनुस्थित होते है इस पर निगरानी रखने की आवश्यकता है।

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