कर्नाटका, राष्ट्रबान: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे एक बार फिर अपने बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। कर्नाटक के बाढ़ प्रभावित कलबुर्गी जिले में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान खरगे के एक किसान के सवाल पर दिए जवाब ने विवाद खड़ा कर दिया है। किसान नेता और भाजपा ने इसे किसानों का अपमान बताते हुए कांग्रेस की आलोचना की है। ग्रेटर नोएडा के किसान संगठनों ने चेतावनी दी है कि ऐसी बयानबाजी से कांग्रेस सत्ता से और दूर हो जाएगी।
खरगे का विवादित बयान
कलबुर्गी में एक किसान ने खरगे से अपनी चार एकड़ फसल के नुकसान के बारे में शिकायत की। खरगे ने जवाब में कहा, “सिर्फ पब्लिसिटी के लिए मत आओ। मेरी खुद की 40 एकड़ फसल बर्बाद हो गई है।” इस बयान को असंवेदनशील माना गया। भाजपा नेताओं ने कहा कि यह कांग्रेस की किसान विरोधी सोच को दर्शाता है। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद किसान संगठनों ने खरगे की निंदा की।
किसान नेताओं का गुस्सा
ग्रेटर नोएडा के किसान नेता बृजेश भाटी ने खरगे के बयान की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, “खरगे जैसे वरिष्ठ नेता को एक किसान के दर्द को छोटा नहीं समझना चाहिए। चाहे एक एकड़ का किसान हो या 40 एकड़ का, हर किसी का नुकसान बराबर महत्वपूर्ण है।” भाटी ने चेतावनी दी कि अगर कांग्रेस किसानों की बात न सुनेगी, तो सत्ता में आने का सपना चूर-चूर हो जाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सत्ता से दूरी का कारण ही किसानों की उपेक्षा है।
किसान संगठनों ने स्पष्ट किया कि उनका किसी राजनीतिक दल से कोई गठजोड़ नहीं है, लेकिन वे खरगे के बयान का विरोध जरूर करेंगे। उन्होंने कांग्रेस को सलाह दी कि वह किसानों का सम्मान करे और ऐसी बयानबाजी से बचे, वरना राजनीतिक नुकसान होगा।
भाजपा का हमला
भाजपा ने भी खरगे के बयान को पकड़ लिया। पार्टी नेताओं ने कहा कि यह कांग्रेस की पुरानी मानसिकता है, जो किसानों को बेवकूफ समझती है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार किसानों के हित में काम कर रही है, जबकि कांग्रेस सिर्फ बयानबाजी करती है। इस विवाद ने एक बार फिर कांग्रेस की छवि पर सवाल उठा दिए हैं।
खरगे का बयान किसान समुदाय में गुस्सा पैदा कर रहा है। राजनीतिक दलों के बीच यह बहस तेज हो गई है। कांग्रेस को अब किसानों के प्रति अपनी नीति पर विचार करने की जरूरत है, वरना आने वाले चुनावों में नुकसान हो सकता है।
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