नई दिल्ली, राष्ट्रबाण: उपराष्ट्रपति चुनाव के दौरान पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की चुप्पी ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर सवाल उठाया है कि 50 दिनों से धनखड़ ने इस्तीफे पर कोई बयान क्यों नहीं दिया। उन्होंने कहा कि धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर 21 जुलाई 2025 को इस्तीफा दिया था, लेकिन किसानों की उपेक्षा और सत्ता के अहंकार जैसे मुद्दों पर उनकी चिंता के बाद यह फैसला आया। आज नया उपराष्ट्रपति चुना जाना है, जहां NDA के सीपी राधाकृष्णन और INDIA ब्लॉक के बी सुदर्शन रेड्डी उम्मीदवार हैं।
कांग्रेस का हमला
जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा, “पिछले 50 दिनों से जगदीप धनखड़ ने अप्रत्याशित चुप्पी साध रखी है। आज उनके उत्तराधिकारी के चुनाव में देश उनके ऐतिहासिक इस्तीफे पर बयान का इंतजार कर रहा है।” रमेश ने याद दिलाया कि धनखड़ ने मोदी सरकार की किसान नीतियों और सत्ता के अहंकार पर चिंता जताई थी, जिसके बाद इस्तीफा आया। विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है कि स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा था तो कोई नेता हालचाल क्यों नहीं लेने गया।
धनखड़ का इस्तीफा और कयास
जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को इस्तीफा सौंपा, जिसमें स्वास्थ्य कारण बताए। 22 जुलाई को यह स्वीकार कर लिया गया। धनखड़ ने कहा था कि स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए यह कदम उठाया। लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस्तीफे के पीछे और वजहें हो सकती हैं। जुलाई में संसद के मानसून सत्र के पहले दिन उन्होंने एक जज के खिलाफ विपक्ष की नोटिस स्वीकार की, जो सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम से टकराई। इससे केंद्र से मतभेद की अफवाहें उड़ीं।
गृह मंत्री अमित शाह ने अगस्त में कहा कि इस्तीफा स्वास्थ्य कारणों से था और विपक्ष को इसे बढ़ा-चढ़ाकर न पेश करना चाहिए। लेकिन कांग्रेस का मानना है कि ‘गहरी वजहें’ हैं। धनखड़ ने इस्तीफे के बाद सार्वजनिक जीवन से दूरी बना ली है। वे अब चंडीगढ़ के एक फार्म हाउस में रह रहे हैं और पूर्व राष्ट्रपति के रूप में नया बंगला आवंटित हो चुका है।
चुनाव का माहौल
9 सितंबर 2025 को उपराष्ट्रपति चुनाव में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान हो रहा है। पीएम मोदी ने सबसे पहले वोट डाला। NDA के उम्मीदवार राधाकृष्णन और विपक्ष के रेड्डी के बीच मुकाबला है। धनखड़ का इस्तीफा संसदीय कार्यवाही को प्रभावित कर रहा है, जहां डिप्टी चेयरमैन हरिवंश सत्र चला रहे हैं।
धनखड़ की चुप्पी ने राजनीतिक अटकलों को हवा दी है। कांग्रेस का सवाल जायज लगता है, लेकिन सरकार स्वास्थ्य कारणों पर अड़ी है। नया उपराष्ट्रपति चुनने के बाद शायद स्पष्टता आए। फिलहाल, यह मामला राजनीतिक बहस का विषय बना हुआ है।
Read also: Literacy Rate: भारत की साक्षरता दर में तेज उछाल 11 साल में 80% पार, 5 राज्य पूर्ण साक्षर बने