बालाघाट, राष्ट्रबाण। बालाघाट जिले की लालबर्रा तहसील के वार्ड क्रमांक 19 पाढरवानी में बड़ा ही मार्मिक मामला सामने आया है, जहां पर स्थानीय निवासी सुल्ताना बेगम को पीएम आवास योजना के तहत घर बनाने के लिए प्रथम किश्त 25000 रुपये उनके खाते में डाल दिए गए हैं, पर वे अपना धराशाई मिट्टी का मकान बनाने में असहाय हैं बता दें कि सुल्ताना बेगम अपनी बेटी एक बेटा-बहू और नातिन के साथ बारिश के समय भी टूटे-फूटे हुए मकान में रह रही है। वह अपना मकान बनाना तो चाह रही है लेकिन विवाद की स्थिति में उनके द्वारा सीमांकन के लिए आवेदन लगाया गया सीमांकन के लिए बकायदा 3 मई को पंजीकरण हुआ और सीमांकन की आखिरी तारीख 19 जून की दी गई, बावजूद अधिकारियों की लापरवाही से आज दिनांक तक सीमांकन नहीं हो पाया है। अब बरसात का मौसम शुरू हो गया है और सुल्ताना बेगम टूटे-फूटे मकान में अपने परिवार के साथ रहने के लिए मजबूर है।
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उन्होंने तहसीलदार से गुहार लगाते हुए अपनी पीड़ा बताई, जिन्होंने पुलिस प्रोटेक्शन के साथ हल्का पटवारी को सीमांकन करने के लिए निर्देशित भी कर दिया, बावजूद हल्का पटवारी आरआई का हवाला देते हुए कहते हैं कि अभी बारिश आ गई है पानी बंद हो जाएगा तो सीमांकन कर देंगे। एक प्रकार से अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा सुल्ताना बेगम का परिवार भुगत रहा है। ऐसे में अगर किसी प्रकार की जनहानि हो जाए तो इसके लिए क्या सीमांकन करने की लापरवाही बरतने वाले कर्मचारी व अधिकारी जिम्मेदार होंगे, यह एक बड़ा सवाल है?
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सुल्ताना बेगम के पास जिस भूमि पर वह प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्माण कार्य कराना चाहती है उसका पट्टा भी है 22 अक्टूबर 2016 को तहसीलदार लालबर्रा द्वारा जारी किया गया है यदि समय रहते सीमांकन कार्य नहीं हो पाया तो सुल्ताना बेगम को मिलने वाला प्रधानमंत्री आवास का लाभ भी नहीं मिल पाएगा। इसके लिए भी कहीं ना कहीं अधिकारी ही जिम्मेदार होंगे और विधवा महिला सुल्ताना बेगम को अपने परिवार के साथ दर बदर की ठोकरें खाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। बहरहाल उन्होंने प्रशासन से जल्द से जल्द सीमांकन कराए जाने की मांग की है।