Uttar Pradesh News : चंद्रशेखर पर हमला करने वालों ने किया बड़ा खुलासा, बयानबाजी से थे नाखुश

Rashtrabaan

उत्तरप्रदेश,राष्ट्रबाण। भीम आर्मी के संस्थापक दलितों के नेता चंद्रशेखर पर हमला करने वाले तीन आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल करते हुए बड़ा खुलासा किया है। दरअसल मेरठ से पकड़े गए आरोपियों से जब पुलिस ने पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि वह चंद्रशेखर की बयानबाजी से नाखुश थे जिसके चलते ही उन्होंने उसकी हत्या का प्लान बनाया था। आरोपियों के पास से दो तमंचे भी बरामद हुए हैं। रविवार को पत्रकार वार्ता के दौरान डीआईजी अजय कुमार साहनी ने वारदात का खुलासा किया। डीआईजी ने बताया कि आरोपियों को पकड़ने के लिए सर्विलांस और स्वॉट सहित पुलिस की पांच टीमें काम कर रही थी।
आरोपियों की तलाश में पुलिस टीम ने उत्तराखंड, हरियाणा और मुजफ्फरनगर में दबिश दी। शनिवार को मुखबिर से सूचना मिली कि आरोपी अंबाला की अदालत में आत्मसमर्पण की फिराक में है। पता लगते ही सहारनपुर पुलिस टीम सक्रिय हो गई। आरोपियों को अदालत में जाने से पूर्व हरियाणा एसटीएफ को साथ लेकर पुलिस ने कस्बा शहजादपुर जिला अंबाला हरियाणा में एक ढाबे से गिरफ्तार किया।
इन आरोपियों ने रची थी चंद्रशेखर की हत्या की रणनीति…
आरोपियों में विकास उर्फ विक्की पुत्र प्रीतम, प्रशांत पुत्र विक्रम कुमार, लविश पुत्र विरेंद्र सिंह निवासी गांव रणखंडी कोतवाली देवबंद और विकास उर्फ विक्की पुत्र शिव कुमार निवासी गौंदर थाना निसिंग जिला करनाल हरियाणा शामिल हैं। आरोपियों ने बताया कि पिछले कई दिनों से वह चंद्रशेखर की बयानबाजी से नाखुश थे। चंद्रशेखर ने दिल्ली सहित आसपास के इलाकों में आयोजित कार्यक्रमों के दौरान गलत बयानबाजी की थी, जिससे उन्हें ठेस पहुंची।
हमलावरों को सत्ता का सरंक्षण प्राप्त, चंद्रशेखर ने की सीबीआई जांच की मांग…
पुलिस द्वारा रविवार को भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर पर हुए हमले का खुलासा किया है। वहीं इस खुलासे से वह नाखुश हैं। चंद्रशेखर का कहना है की उन्हें पिस्टल की गोली लगी है, जबकि पुलिस द्वारा तमंचा बरामद दिखाया गया है। उन्होंने कहा कि हमले की जांच सीबीआई से कराई जाए ताकि यह साफ हो सके कि हमले की साजिश में कौन शामिल है। कहीं हमलावरों को सत्ता का संरक्षण तो प्राप्त नहीं है। चंद्रशेखर ने पत्रकारों से चर्चा में कहा है की वह पुलिस को सही खुलासे के लिए पर्याप्त समय दे रहे हैं। पुलिस ईमानदारी के साथ इस बात का पता लगाए कि हमलावरों को किसने फिरौती दी है।

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