नई दिल्ली, राष्ट्रबाण। लालू यादव परिवार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दरअसल सीबीआई कोर्ट ने 4 अक्टूबर को जमीन के बदले रेलवे में नौकरी देने के मामले (लैंड फ़ॉर जॉब) में लालू यादव, तेजस्वी यादव, राबड़ी देवी सहित 4 आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया है। जिसके चलते सभी को हाजिर होना अनिवार्य है। अदालत ने सभी 17 आरोपियों को अगली तारीख में कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है। सीबीआई की चार्जशीट पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को कोर्ट ने लालू-तेजस्वी एवं अन्य को 4 अक्टूबर को पेश होने के लिए कहा। केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई रेलवे में कथित घोटाले की जांच कर रही है। एजेंसी ने बीते 3 जुलाई को इस केस में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की थी, जिसमें तेजस्वी यादव को भी आरोपी बनाया था। कोर्ट ने शुक्रवार को इस चार्जशीट पर संज्ञान लिया और तेजस्वी समेत सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया। मामले की अगली सुनवाई 4 तारीख को होगी। अदालत ने कहा कि सभी आरोपी इस दिन मौजूद रहें।
इन आरोपों में घिरा है लालू परिवार…
यह मामला साल 2004 से 2009 के बीच का है जब लालू यादव यूपीए कार्यकाल में रेल मंत्री थे। आरोप है कि उस वक्त रेलवे में नियमों को ताक पर रखकर कई लोगों को नौकरियां दी गई थीं। इसके बदले में लालू परिवार के सदस्यों के नाम पर बेशकीमती जमीनें लिखवाई गईं। लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़े देवी, बड़ी बेटी मीसा भारती समेत अन्य आरोपी फिलहाल इस मामले में जमानत पर है। सीबीआई के साथ ईडी भी इस कथित घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के पहलू की जांच कर रही है। कोर्ट-कचहरी में फंसे तेजस्वी, गुजरात कोर्ट में पेशी की तारीख, तो दिल्ली में सुनवाई तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ेंगी? लालू यादव के छोटे बेटे एवं बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी का पहले इस केस में नाम नहीं था। सीबीआई ने पिछले साल जो चार्जशीट दाखिल की थी, उसमें लालू-राबड़ी एवं अन्य पर आरोप लगाए गए थे। हालांकि, जब इस केस की जांच आगे बढ़ी, तो तेजस्वी के दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में एक कीमती बंगले की जानकारी सामने आई। इसका नौकरी के बदले जमीन घोटाले से लिंक निकला। इसके बाद सीबीआई ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर कर तेजस्वी यादव को भी इस केस में आरोपी बनाया है। अगली पेशी में अगर कोर्ट उनकी गिरफ्तारी का आदेश देता है, तो तेजस्वी को तुरंत जमानत लेनी होगी। नहीं तो उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है।