सिवनी, राष्ट्रबाण। कहने को तो पुलिस का काम क्षेत्र में गैरकानूनी कामो और अपराधों पर रोक लगाना है। लेकिन यह बात भी झुठलाई नहीं जा सकती की लक्ष्मी की चमक में कुछ बेईमानो के ईमान बिक जाते है और वह अपने कर्तव्य को भूल असामाजिक तत्वों, अपराधियों को संरक्षण देते हुए गैरकानूनी कामो को अंजाम दिलाते है। यह बातें भले ही रील लाइफ की प्रतीत होती हो लेकिन यह रियल लाइफ में देखने और सुनने को मिल रही है।
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सिवनी जिले के छपारा थाना अंतर्गत एक बड़ी फड़ संचालित हो रही हैं जिसमे निगरानी के लिए टॉवर लगा कर तास की महफ़िल सजाई जा रही है। सूत्रों की माने तो यह फड़ लगभग 20 लाख रूपये के लगभग होती है। इस फड़ को घनश्याम नामक नालकट के द्वारा संचालित किया जा रहा है। इस फड़ में सिवनी के साथ बालाघाट, मंडला, नरसिंहपुर, जबलपुर के जुआड़ी शिरकत करते है। जुआ फड़ में निगरानी के लिए टॉवर (गुर्गे) तैनात किये गए है जिन्हे प्रतिदिन का मेहनताना दिया जाता है।
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पुलिस के विश्वसनीय सूत्रों की माने तो नालकट और छपारा पुलिस के बीच एक डील फिक्स हुई है जिसमे पुलिस को जुआ फड़ में रेड (कार्यवाही) न डालने के एवज में 55 हजार रूपये प्रतिमाह फिक्स किया गया है। खबरों की माने तो पुलिस से यह डील एक मुंशी के द्वारा फिक्स कराई गई है। यही वजह है की अब छपारा थाना अंतर्गत जुआड़ियों की जमघट लग रही है लेकिन पुलिस को जानकारी होते हुए भी वह गांधी जी के तीन बंदरो की भूमिका निभाते हुए मौन है।
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तो वही बंडोल थाना अंतर्गत ग्राम बखारी में शोएब नामक युवक के द्वारा खुलेआम सट्टा पट्टी लिखी जा रही हैं। बताया जाता है की शोएब को बंडोल पुलिस का संरक्षण है जिसके बदले वह पुलिस को हर महीने मोटी रकम की चढ़ोत्तरी चढ़ाता है। ग्रामीण अगर इसकी जानकारी पुलिस को देते भी है तो पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जाती। पुलिस की यह कार्यप्रणाली से आम जनता का पुलिस से विश्वास टूट रहा है।