सिवनी।, राष्ट्रबाण। शहर में एक ओर ड्रग पैडलर्स की गैंग से एक के बाद एक व्यक्ति पकड़े जा रहे हैं। लेकिन गैंग का सरदार अभी भी पुलिस की पहुंच से कही दूर है। गैंग का सरदार भी जानता है कि पुलिस की चपेट पर आने से क्या हाल होगा। इस वजह से वह गैंग बनाकर इस खेल को शातिर रूप से अंजाम दिया जा रहा है। यदि कभी पकड़ा भी गए तो एक या दो व्यक्ति ही पकड़ पर आते है। जिससे नशे के धंधे पर किसी प्रकार का कोई समस्या नहीं होगी। यह पूरे नशे की खेप नागपुर महाराष्ट्र, रायपुर छत्तीसगढ़, मंदसौर मध्यप्रदेश से सिवनी आ रही है। सूत्र के अनुसार यदि सही पाउडर का नशा देखना है तो शुक्रवार और शनिवार की रात पेंच नेशनल पार्क टूरिया स्थित रिसॉर्ट में जाकर देखे तो पुलिस प्रशासन की आंखें खुली की खुली रह जाएगी।
वहीं प्रदेश में नशे बंदी की बातें लगातार उठ रही हैं। जैसे पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती जहां पूरी तरह शराबबंदी के पक्ष में हैं, साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हर नशे को खत्म करना चाहते थे। लेकिन वर्तमान मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव की सरकार में नशा की सीमा चरम पार कर गई है। जब नशे की पड़ताल की तो यह तथ्य सामने आया कि शहर में 60 प्रतिशत युवा शराब एवं अन्य नशे की गिरफ्त में हैं।
शहर के नशा मुक्ति संस्था की मानें तो शहर में सबसे ज्यादा नशा करने वाले युवा 22 से 35 साल की आयु वर्ग है। इसमें भी 60 प्रतिशत लोग शराब, 8 प्रतिशत स्मैक, 32 प्रतिशत गांजा और 8.78 प्रतिशत एमडी ड्रग या अन्य सूंघने वाले नशों का उपयोग करते हैं। एमडी ड्रग का शहर में 2020 से चलन बढ़ा है। इतना ही नहीं, सफेद पाउडर का नशा जो हाई क्लास सोसायटी के युवाओं में अब चलन और स्टेटस का सिंबल बन गया है।
सांप के जहर से (बाय-प्रोडक्ट) तैयार किया जाने वाला यह नशा ठीक उसी तरह है। जैसे पहले के दौर में विष कन्याओं को तैयार किया जाता था। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने भी इसे लेकर देशभर में सर्वे कराया था। 2020 में जारी इस रिपोर्ट के मुताबिक शराब, स्मैक, ड्रग से ज्यादा थिनर,कोकीन और अन्य इनहेलेंट (सूंघकर नशा करना) का उपयोग करने वाले ज्यादा पाए गए थे। मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली और हरियाणा में इस नशे के आदी ज्यादा पाए गए। हर साल 26 जून की नशीली दवाओं के दुरुपयोग और तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य लोगों को लत को गैरकानूनी इमा के बापार के बाल के बारे में जागरूक करना है, ताकि एक नशामुक्त समाज बनाया जा सके। वहीं सिवनी मुख्यालय समेत जिले के युवक नशीले पदार्थों की गिरफ्त में आ रहे है।
इतने तरह के नशा
भांग, अल्कोहल, गांजा, स्मैक, चरस, हेरोइन, अफीम, ब्राउन शुगर, एमडी (मल्टी ड्रग) या मेथेड्रान (एमडी मतलब दो, तीन चार तरह का कॉम्बिनेशन)