इंदौर, राष्ट्रबाण। भोपाल में विश्वकर्मा परिवार के 4 सदस्यों द्वारा आत्महत्या का मामला प्रकाश में आने के बाद सभी की आंखे नम हो गई थीं। वहीं आज इस घटना के बाद परिजनों द्वारा गम्भीर आरोप लगाकर चक्काजाम किया गया है। दरअसल शुक्रवार को रीवा के अंबा गांव में एक ही परिवार के चार शव पहुंचे जिसके बाद परिवार के चार सदस्यों को एक साथ खोने वाले परिजन निराश होने के साथ ही आक्रोशित भी हैं। इसी आक्रोश का असर देखने को भी मिला जब मृतक के परिजनों ने स्थानीय ग्रामीणों के साथ चारों शवों को जबलपुर-प्रयागराज नेशनल हाईवे पर रखकर चक्काजाम कर दिया। इस दौरान हाईवे के दोनों तरफ 5 किलोमीटर तक वाहनों की लाइन लगी रही। घटना की जानकारी लगते ही स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुँचा जहां एसडीएम अनुराग तिवारी यही नायाब तहसीलदार सीएसपी सहीत थाना प्रभारी पुलिस बल ने मौके पर पहुँचकर परिजनों को समझाने का प्रयास किया। वहीं चक्काजाम किए परिजनों द्वारा 1 करोड़ मुआवजा एवं घर के एक सदस्य को सरकारी नोकरी देने से लेकर मामले की सीबीआई जांच करने की बात कही गई। ऐसे में स्थानीय प्रशासन द्वारा मामले की विस्तृत जांच करने का आश्वासन दिया गया। लेकिन परिजन अपनी मांग पर अड़े रहे। वहीं कुछ देर बाद विश्वकर्मा परिवार को 25 हजार रुपए की तत्काल मदद भी की गई। पांच हजार पंचायत, 10 हजार SDM और 10 हजार विधायक निधि से दिए गए। मदद और आश्वासन मिलने के बाद चक्काजाम समाप्त कर दिया गया।
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क्या था पूरा मामला…
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दरअसल बीते दिन ही भोपाल के रातीबड़ में भूपेंद्र विश्वकर्मा (38) ने गुरुवार को अपने दोनों बच्चों ऋषिराज (9) और ऋतुराज (3) को जहर पिला दिया था। इसके बाद पत्नी रितु (35) के साथ फांसी लगाकर सुसाइड कर ली थी। गुरुवार-शुक्रवार की दरम्यानी रात तीन बजे परिजन चारों के शव लेकर पैतृक गांव अंबा पहुंचे। शुक्रवार सुबह अंतिम संस्कार के लिए चार अर्थी श्मशान घाट के लिए एक साथ रवाना हुईं, लेकिन परिजन शव लेकर हाईवे पर बैठ गए।
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परिजन का आरोप..दरवाजा तोड़कर हत्या की गई
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मृतक के परिजन का आरोप है कि घर का दरवाजा तोड़कर चारों लोगों की हत्या की गई है। घटना से एक महीने पहले भोपाल साइबर सेल को इससे संबंधित एक शिकायत की गई थी। लेकिन कुछ नहीं किया गया। परिवार वालों ने कहा कि प्रशासन द्वारा दस हजार रुपए का मुआवजा दिया जा रहा है। मुआवजे की राशि को कम बताते हुए प्रदर्शनकारियों ने जिला प्रशासन, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी के खिलाफ नारेबाजी की। हालांकि, चक्काजाम के दौरान वहां पहुंचीं एम्बुलेंस को निकलने दिया गया।