Balagaht News: प्रदेश के सूबेदार के निर्देशों का पालन नही करा पा रहे आयुष मंत्री रामकिशोर

Rashtrabaan
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  • परसवाडा में खुले मैदान और खेत खलियान में संचालित हो रहा आहाता!

नशा के कारोबार में प्रहार करते हुए प्रदेश भर के अहाते बंद कर दिए गए हैं। प्रदेश के सूबेदार ने इन निर्देशों पर सख्ती से पालन करने की बात कहीं है लेकिन दुर्भाग्य की बात यह हैं कि उनकी सरकार के आयुष मंत्री रामकिशोर कावरे के क्षेत्र में इन निर्देशों का पालन नहीं हो पा रहा हैं।
बालाघाट, राष्ट्रबाण। नशा मुक्ति अभियान जैसे सपने को साकार करने पहला व अनूठा कदम उठाते हुए मप्र की शिवराज सरकार ने भले ही 01 अप्रैल से शराब दुकानो के अलावा अन्यत्र स्थानो पर संचालित होने वाले आहातो को बंद करने के निर्देश दे दिये हो, साथ ही खुले मैदान और सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने वालों पर सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। लेकिन उनके इस आदेश का बालाघाट जिले की परसवाडा विधानसभा क्षेत्र में कोई पालन नही हो रहा है। मजे की बात यह है कि यह क्षेत्र उनकी ही सरकार के राज्यमंत्री रामकिशोर कावरे का विधानसभा क्षेत्र है, जहां परसवाडा विधानसभा मुख्यालय में अग्रेंजी शराब दुकान के आसपास के परिसर को लोगो ने आहाता बना लिया है और शराब दुकान परिसर में ही जाम झलकाते नजर आ रहे है। इसके अलावा आसपास के खुले मैदान व किसानो के खेल खलियानो में भी नशेडियों का जमावडा देखने मिलता है। जहां इस पूरे माहौल से जुडा एक वीडियों भी खूब वायरल हो रहा है। जिसमें कुछ लोग शराब दुकान से शराब खरीदते नजर आ रहे है तो वही कुछ लोग शराब दुकान के परिासर मे ही टीन शेड के नीचे जाम झलकाते नजर आ रहे है। ऐसे में अनुमान लगाया जा सकता है कि सरकार की मंशा पर शराबी और शराब दुकान संचालक के साथ कानून के रक्षक कितने खरे उतर पाये है और सरकार की विचारधारा पर किस तरह लोगो के द्वारा आघात किया जा रहा है। जबकि इस ओर ना तो स्थानीय पुलिस प्रशासन का ध्यान है और ना ही शासन के जिम्मेंदार मंत्री व क्षेत्र के विधायक रामकिशोर कावरें का? यदि किसी योजनाओं के प्रचार प्रसार की बात आये तो मंत्री जी द्वारा प्रचार प्रसार में खूब जोर लगा दिया जाता है। लेकिन समाज व साम्प्रदायिक माहौल सुधार लाये जाने हेतू लिये गये निर्णयो पर कोई अमल नही करवाया जाता। जबकि ऐसे छोटे-छोटे विषयो पर भी मंत्री कावरे और पुलिस प्रशासन को अपना ध्यान केंद्रित करके व अपनी नैतिक जिम्मेंदारी निभाते हुए जनसमुदाय और समाज के प्रति एक सुरक्षित माहौल तैयार करने का काम करना चाहिये। ऐसे प्रयास होगें, तो कोशिशे नाकाम साबित नही होगी। अच्छी बात यह है कि एक स्थानीय जागरूक व्यक्ति के द्वारा इस विषय को गंभीरता से लिया गया और मामला स्थानीय प्रशासन के संज्ञान में लाते हुए 26 जून को तहसीददार के नाम शिकायत भी की गई है। प्रतिबंद्ध के बाद भी खुले परिसर में आहाता संचालन होने से स्थानीय प्रशासन, पुलिस व जनप्रतिनिधि की कार्यप्रणाली पर सीधा सवाल उठ रहा है। शिकायतकर्ता ने अपने शिकायत पत्र में उल्लेख कर बताया कि बस स्टेण्ड परसवाड़ा से लगी पाढन सड़क से लगकर देशी एवं अंग्रेजी शराब दुकान संचालित है। जहां शराब दुकान के लायसेंसी संचालक द्वारा ही शराब के साथ साथ पानी की बोतल एवं डिस्पोजल बेचा जा रहा है। जिसके चलते लोग मौके पर ही शराब, डिस्पोजन व पानी बॉटल खरीदकर शराब का सेवन करने बैठ जाते है। नशाखोरो की धमाचौकडी इस कदर बढ गई है कि आस-पास लगे खेतों में वे शराब का सेवन करते नजर आते है और किसान के खेत में ही काँच की बोतल एवं डिस्पोजल छोड़कर एवं तोड़-फोड़कर चले आते है। जिनसे किसान भी परेशान है। इसके अलावा नमकीन पैकेट व अंडा दुकाने चलाने वाले लोग भी अपने हाथठेले लेकर खड़े हो जाते है। कभी कभी परिस्थितियां सामान्य लोगो के लिये घातक साबित हो जाती है, क्योकि यहां नशे में धुत्त व्यक्तियों के द्वारा साधारण लोगो से वाद-विवाद तक हो जाता है। ऐसे में संभावना जताई जा सकती है कि कभी किसी के साथ ही अप्रिय घटना हो सकती है। जिसे गंभीरता से लेकर कार्यवाही करते हुए नशेडियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है। अब आगे यह देखना दिलचस्प होगा कि जिम्मेंदारो के द्वारा क्या कार्यवाही की जाती है। क्या पुलिस इस विषय को लेकर हमेशा अलर्ट रहेगी? क्या तहसीलदार द्वारा ऐसे नशेडियों पर कार्यवाही हेतू आदेश जारी किये जायेगें? क्या मंत्री कावरे इस विषयो पर गंभीरता जतातें हुए खुले परिसर का आहाता बनाने वाले के खिलाफ अपना सख्त रूख अखतियार कर पायेगें और सरकार की विचारधारा का लोगो पर अमल करवायेगें? यह कब तक संभव हो पाता है, देखना दिलचस्प होगा?

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