बालाघाट, राष्ट्रबाण। ‘सक्षम किसान-समृद्ध किसान इस स्लोगन को मजबूत बनाने वैनगंगा किसान यूनियन ने सरकार से एक अनूठी मांग की है। प्रदेश के सभी किसानों व मजदूर साथियों को सशक्त बनाने के लिये किसानों के कृषि कार्य को मनरेगा योजना से जोड़ा जाये। जिस तरह मेढ़ बंधान, फलोद्यान योजना और सिंचाई तालाब खेती किसानी का हिस्सा है, लेकिन यह सब मनरेगा योजना से मजदूर लगाकर करवाये जाते है। ठीक उसी तरह खरीफ एवं रबी में खार भराई, परहा लगाना, जुताई, निंदाई, कटाई, बोझे बांधना, गहानी करना, दलहन, तिलहन, सब्जी उत्पादन कार्य आदि कामों को भी मनरेगा योजना में शामिल किया जाये। ये कृषि कार्य मनरेगा योजना के तहत करवाने मजदूर उपलब्ध करवाया जाये। ताकि किसानो को कृषि कार्य में आर्थिक बोझ ना उठाना पड़े और किसान आर्थिक रूप से सशक्त बने।
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वैनगंगा किसान यूनियन प्रदेशाध्यक्ष विशाल बिसेन प्रदेश के किसानो से भी अपील की है कि किसान भाई इस मांग के समर्थन में यूनियन के साथ आगे आयें एवं समर्थन में भरे जाने वाले समर्थन पत्र को भरकर हमारे इस उद्देश्य को सफल बनाने में सहयोग भी करें। क्योकि इस मांग के पूरा होने से किसान एवं मजदूर दोनों वर्गो को भरपूर लाभ मिलेगा। विशाल बिसेन ने कहा कि वैनगंगा किसान यूनियन की इस मांग को पूरा करवाने तक संघर्षरत रहेगा। इस मांग को लेकर प्रदेश के किसानो के बीच जा रहे है, जिसकी जमीनी शुरूआत आज से कर दी गई है। इसके लिये हमने समर्थन पत्र भी बनाया है। जो किसान साथी इस मांग के समर्थन में उसे वे भरकर देगें और समर्थन पत्र लेकर हम सरकार के समक्ष यह अपनी मांग रखेगें। यदि सरकार चाहती है कि किसान सशक्त बने तो इस मांग पर सुनवाई होनी चाहिये और कृषि कार्य को मनरेगा योजना से जोडा जाना चाहियें, ताकि मजदूरो के पलायन को रोका जाये और लोगो को गांव में ही रोजगार उपलब्ध हो। हमने अक्सर देखा है कि खेती कार्य के लिये मजदूर नही मिलते, इसलिये किसान हित में यह मांग पूरी होनी चाहियें।